झाँसी: विधि छात्रा गुरलीन ने शुरू की स्ट्रॉबेरी की खेती तो कई किसानों को भाई खेती, PM व CM ने भी सराहा
झांसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2021 के पहली मन की बात कार्यक्रम के 73वें संस्करण में पीएम मोदी ने झांसी के स्ट्रॉबेरी महोत्सव को लेकर काफी सराहना की.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों झांसी में एक महीने तक चलने वाला स्ट्रॉबेरी फेस्टीवल का शुभारंभ किया था. मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदी किसानों के लिए मिसाल बन चुकी बुंदेलखंड की बेटी गुरलीन चावला के प्रयासों की भी जम कर तारीफ की.
बुंदेलखंड की बेटी गुरलीन चावला
झांसी की रहने वाली बेटी गुरलीन चावला पिता हरजीत सिंह चावला, जो कि एक लाॅ स्टूडेंट हैं. पुणे के प्रतिष्ठित लॉ कालेज से एलएलबी की पढ़ाई कर रही हैं. जिन्होंने एक अनूखी पहल करके बुंदेलखंड की पहचान बदल दी हैं.
वही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी इसे सराहा. स्ट्राबेरी के उत्पादन के बाद से देश और प्रदेश की बुंदेलखंड को लेकर धारणा बदलने वाली है. इसके साथ ही, सीएम ने यह भी कहा कि स्ट्रॉबेरी की खेती बुंदेलखंड को एक नई पहचान दिलाने का काम करेगी.
कैसे हुई शुरुआत
कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से गुरलीन को अपने घर झांसी आना पड़ा. स्ट्रॉबेरी खाने की शौकीन गुरलीन ने इसके लिए अपने घर के गमलों में स्ट्राबेरी के कुछ पौधे लगाए. बाद इसके अच्छे नतीजे आने पर उन्होंने पिता के फार्म हाउस पर लगभग डेढ़ एकड़ भूमि पर स्ट्राबेरी की खेती शुरू कर दी.
गुरलीन की स्ट्राबेरी की खेती को देखकर वहां के कई किसान स्ट्रॉबेरी की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं. और सरकार भी स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल के जरिए किसानों को स्ट्रॉबेरी उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. साथ ही साथ झांसी में पहली बार स्ट्रॉबेरी महोत्सव का आयोजन किया गया.
स्ट्राबेरी महोत्सव
उत्तरप्रदेश के झांसी में पहली बार स्ट्रॉबेरी महोत्सव का आयोजन किया गया. यह आयोजन 17 जनवरी से शुरू हुआ था, जो 16 फरवरी तक चला. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महोत्सव का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया था.
सीएम योगी ने कहा कि झांसी में हुआ स्ट्रॉबेरी का उत्पादन और यहां हो रहा स्ट्रॉबेरी महोत्सव किसी चमत्कार से कम नहीं है. बुंदेलखंड के बारे में प्रदेश और देश की जो धारणा थी उसे बदलने में यह महोत्सव अहम भूमिका निभाएगा. अब माना जा रहा है कि इससे इस इलाके और किसानों की सूरत बदलने के आसार हैं.