पुलिस द्वारा भीड़ पर लाठीचार्ज करने पर पुलिसकर्मियों पर दर्ज होगा SC-ST एक्ट, राजनीती गरमाई
पानीपत: पानीपत में हुए लाठीचार्ज में पुलिस वालो पर अब एससी एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। दरअसल पानीपत के बिंझौल के 3 बच्चों की हत्या के मामले में न्याय मांगने के लिए गाँव वाले प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को पुलिस ने आगे जाने से मना किया गया। समझाने पर भी जब ग्रामीण नहीं माने तो पुलिस वालो ने लाठचार्ज कर भीड़ को तीतर बितर किया।
लाठीचार्ज के बाद प्रदेश की दलित राजनीती गरमा गयी है व घटना को दलितों पर हुए पुलिस के अत्याचारों के रूप में प्रदर्शित किया जाने लगा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल खटटर ने सांसद संजय भाटिया को कश्यप समाज के लोगों से बात करने के लिए भेजा और गृह मंत्री विज ने करनाल एसपी को जांच देकर दो दिन में रिपोर्ट तलब की है। रात करीब 10 बजे बजे सांसद भाटिया ने रेस्ट हाउस में 5 सदस्यीय कमेटी के साथ मीटिंग की।
सांसद ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि समाज के लोगों ने उनको बताया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से धरना देने जा रहे थे। उन्हें पुल के नीचे धरना देना था। लेकिन पुलिस ने सड़क पर ही रोक लिया। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
वहीं पुलिस ने लाठीचार्ज करने के अपने कारण गिनाये है। पुलिस कर्मियों के मुताबिक मौके पर मामले की नजाकत को देखते हुए फैसला लिया गया था।
सांसद से मीटिंग के बाद समाज के लोगो ने सरकार के आगे तीन प्रमुख मांगे गिनाई है जिसमे समाज के लोगो पर दर्ज मामले को वापस लेने व जेल भेजे गए ग्रामीणों को छोड़ने की शर्त भी शामिल है।
वहीं गांव वालों की मांग है कि डीएसपी संदीप और मॉडल टाउन एसएचओ सुनील कुमार को सस्पेंड किया जाए, क्योंकि इन दोनों ने ही जान-बूझकर प्लान किया था।
चौतरफा राजनीती में घिरी पुलिस कर्मियों पर जल्द एससी एसटी एक्ट भी दर्ज हो सकता है। भास्कर में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सीनियर एडवोकेट केसी शर्मा ने बताया कि लाठीचार्ज के मामले में पुलिस वालों पर हत्या की कोशिश, मारपीट, एससीएसटी एक्ट व अन्य धाराओं में केस दर्ज हो सकता है।
वहीं पुलिस भी सरकार को अपने तर्क पेश कर रही है। खैर मामले की जाँच के बाद ही सच उजागर हो सकेगा।
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Why Aarushi Kapoor is writing this piece?
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