उत्तर प्रदेश

लखीमपुर कांड: हरिओम मिश्रा की लिंचिंग के बाद सदमे में परिजन, अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे जिम्मेदार

लखीमपुर खीरी: रविवार को उत्तर प्रदेश केे लखीमपुर में किसानों के प्रदर्शन के दौरान मचे बवाल में कुल 9 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। जिनमें 4 किसान, 1 पत्रकार, 1 ड्राइवर तथा 3 बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौत हुई है।

मरने वालों में ड्राइवर हरिओम मिश्रा भी शामिल हैं। जिनकी प्रदर्शन के दौरान मचे बवाल में पीट-पीट कर हत्या किए जाने का दावा किया जा रहा है। हरिओम मिश्रा पिछले दस सालों से अजय मिश्र टेनी के यहां ड्राइवर की नौकरी करते थे। हरिओम मौत के बाद उनके गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। उनके अंतिम संस्कार में कोई भी भाजपा नेता वहां नहीं पहुंचा।

हरिओम मिश्रा के चाचा चंद्रभान ने बताया कि हरिओम के पांच भाई बहन था। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण हरिओम ज्यादा पढ़ाई नहीं कर सका था। रिपोर्ट के मुताबिक वह पिछले 10 सालों से अजय मिश्र टेनी के यहां ड्राइवर की नौकरी करता था। ड्राइवर की नौकरी कर वह अपने पिता का इलाज कराने के साथ-साथ घर के अन्य खर्च भी उठाता था। हरिओम ने अपनी दो बहनों की शादी भी की थी। इसके बाद एक छोटी बहन और एक छोटे भाई साथ में बूढ़े मां बाप के साथ घर चला रहा था।

पूरे गांव में शोक की लहर
रविवार को तिकुनिया कांड में मचे बवाल में ड्राइवर हरिओम मिश्रा की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। जिसके बाद से हरिओम के घर वालों का रो रो कर बुरा हाल है। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। हर व्यक्ति की जुबान पर अब यही बात है कि बीमार बाप और मां भाई बहन की देखभाल कौन करेगा।

हरिओम मिश्रा के घर वालों का कहना है कि हरिओम के अंतिम संस्कार में कोई भी भाजपा नेता नहीं पहुंचा। यहां तक कि थाना पुलिस ने भी मौके पर जाकर जानकारी लेने और न किसी अप्रिय घटना होने के बचाव की तैयारी की। नेता और पुलिस के न पहुंचना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

इससे सम्बंधित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button