जम्मू: जल को साक्षी मान कश्मीरी पंडितों ने की प्रतिज्ञा- अगले साल नववर्ष कश्मीर घाटी में मनाएंगे

जम्मू: आज चैत्र नवरात्र आरम्भ होने के अवसर पर देशभर में हिंदू समाज अपने नए वर्ष शुरू होने की ख़ुशी मना रहा है, जगह जगह श्रद्धालु देवी मंदिरों में जाकर विशेष पूजा अर्चना एवं हवन कर रहे हैं।
उधर जम्मू कश्मीर में भी हिंदू समाज ने नववर्ष परम्परागत तरीके से मनाया है जिसे कश्मीरी पंडित नवरे कहते हैं। इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष तथा कश्मीर घाटी से विस्थापित कश्मीरी हिंदू समाज ने हिंदू सांस्कृतिक नववर्ष जम्मू में सूर्य पुत्री तवी नदी के किनारे मनाया।
इस दौरान जय भवानी जय शारदे के नारे लगाते हुए अपने पूर्वजों को भी याद किया और यह संकल्प लिया की अगले वर्ष “नवरे दिवस” कश्मीर घाटी में मनाएंगे।
वहीं अन्य घटनाक्रम में श्रीनगर में शीतल नाथ मंदिर में भी विशेष प्रार्थना आयोजित की गई थी। पूजा अर्चना के उपरांत संवाददाताओं को संबोधित करते हुए भाजपा के जम्मू-कश्मीर के महासचिव, अशोक कौल ने दावा किया कि पहली बार प्रवासी कश्मीरी पंडितों ने घाटी में वापसी शुरू कर दी है।
उन्होंने कहा कि वह मंगलवार को श्रीनगर शहर में कुछ मंदिरों में गए, जहां उन कश्मीरी पंडितों के अलावा जो यहां रहना जारी रखे हुए हैं, मैंने इस समुदाय के प्रवासियों की एक बड़ी संख्या को आज शहर के कुछ मंदिरों में हवन करते हुए देखा है। मैंने उनसे बात की और यह स्पष्ट था कि घाटी में उनकी वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।”
घाटी में हिंदू मंदिरों के अतिक्रमण के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा “इन सभी अतिक्रमणों को हटाने और इन मंदिरों की धार्मिक पवित्रता को बहाल करने के लिए एक सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।”