इस्लाम छोड़ हिन्दू धर्म अपनाने के बाद भी कम नहीं हो रहीं जितेंद्र त्यागी की मुश्किलें, लगातार किया जा रहा टारगेट
बीते दिनों इस्लाम छोड़कर हिन्दू धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ सैयद वसीम रिजवी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं है, धर्म परिवर्तन करने के बाद से ही इस्लामवादियों और हिंदू विरोधी ताकतों के द्वारा उन्हें लगातार टारगेट किया जा रहा हैं। ऐसे ही एक मामले में प्रयागराज (इलाहाबाद) हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया हैं।
दरअसल बीते साल 2021 में जितेंद्र त्यागी के पूर्व ड्राइवर ने उनके खिलाफ अपनी पत्नी से दुष्कर्म के आरोप में केस दर्ज करवाया था, जिसके बाद न्यायमूर्ति मोहम्मद फैज आलम की खंडपीठ ने गिरफ्तारी से पूर्व जितेंद्र त्यागी को अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया हैं। कोर्ट ने कहा कि लखनऊ के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था और उन्हें गिरफ्तारी से पूर्व सुरक्षा प्रदान करने का कोई आधार नहीं मिला हैं।
वहीं अपने बचाव में जितेंद्र त्यागी का कहना है कि उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं के बाद से ही इस्लामी कट्टरपंथी उनके खिलाफ थे और इन्हीं इस्लामिक कट्टरपंथियों ने उनके खिलाफ झूठे बलात्कार का मामला दर्ज कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ बलात्कार के आरोप भी सुप्रीम कोर्ट में कुरान की आयतों को लेकर याचिका दायर करने के बाद ही लगाए गए हैं।
लगातार किया जा रहा टारगेट
सुप्रीम कोर्ट में कुरान की आयतों को लेकर अल्पसंख्यकों वर्ग के राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष आतिफ रशीद ने भी जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी के कदम को देश में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की साजिश करार दिया था और कहा कि सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका अल्पसंख्यक समुदाय की भावनाओं को आहत करती है। इतना ही नहीं अल्पसंख्यकों वर्ग के संयुक्त सचिव, डैनियल रिचर्ड्स ने भी उनसे अपनी टिप्पणी वापस लेने और 21 दिनों के भीतर बिना शर्त माफी मांगने या कानूनी कार्रवाई का सामना करने की बात कहीं थी।
वहीं जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अमीरुल हसन का कहना था कि “रिजवी न तो हिंदू है और न ही मुसलमान, बल्कि एक शैतान है और घोषणा करते हुए कहा कि जो कोई भी मुझे इस शैतान का कटा हुआ सिर लाकर देगा, उसे वह पुरस्कार राशि के रूप में 11 लाख का इनाम देने की बात की थी। उन्होंने कहा कि अगर इनाम रकम कम पड़ी तो मैं अपने बच्चों को भी बेच दूंगा। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कहा था कि अगर यह इस्लामिक कानून के तहत हुआ होता, तो रिजवी को अब तक पत्थर मार-मार कर मार दिया गया होता”।
जिसके बाद विभिन्न सुन्नी और शिया संगठनों के द्वारा जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को अनेकों धमकियां दी गई थी, जिसमें उनके पुतले को जलाना, उनको फांसी देने की मांग, उनकी मां की कब्र को तोड़ना और उस कब्र को ‘रद्द’ करना जैसी अनेको धमकियां शामिल थी।