जम्मू: छप्पर में रह रहीं गरीब महिला ने राममंदिर के लिए दान किए 500, आतंक के कारण हुई थीं बेघर

रियासी: अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश में पूरे देश में राम मंदिर निधि समर्पण अभियान चलाया जा रहा हैम जिसका नेतृत्व विश्व हिंदू परिषद् आर एस एस एवं भाजपा के लोग कर रहे हैं।
इस अभियान के तहत हर वर्ग के लोग लोग अपनी अपनी क्षमता अनुसार समर्पण निधि दान कर रहे हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर से भी एक सुखद तस्वीर आई जहां जम्मू संभाग के अंतर्गत आने वाले रियासी जिले में कांजली गाँव में रह रहीं विस्थापित गरीब महिला ने भी ₹500 की राशि भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए दिए।
गौर करने वाली बात है कि महिला के खुद भी घर नहीं है वह बहुत गरीब घर में रहती हैं, झोपड़ी नुमा उनका घर है। 90 के दशक में आतंकवादी जब घटनाएं बढ़ी थी तब परिवार के साथ बेघर हो गई थी। कैसे भी करके अपना गुजर-बसर करती हैं लेकिन जब राम मंदिर के लिए चंदा मांगने एक कार्यकर्ता गए तो उन्होंने ₹500 समर्पण राशि दी और अपनी श्रद्धा व्यक्त की।

वहीं संग्रहकर्ता के रूप में गए आरएसएस कार्यकर्ता उद्धव शर्मा ने गरीब महिला की तस्वीर साझा करते हुए कहा कि राम मंदिर निर्माण में ₹500 का योगदान इनके लिए बहुत ज्यादा राशि है। पीछे दिखने वाला भले ही अपना घर नहीं है लेकिन राम जी के घर के लिए पीछे नहीं हुए। गरीब है मगर दिल से नहीं। भगवान राम जी से प्रार्थना करता हूं कि इनकी ज़िन्दगी में खुशहाली लाएं और तरकी लाएं।
विदिशा में बेर बेंचकर किया दान:
उधर राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा कर रहे कार्यकर्ता जब मध्यप्रदेश के विदिशा के सुदर्शन बस्ती जतरापुरा में पहुंचे तो मेले में बैर बेचकर ₹50 रोज कमाई करने वाली मुन्नी बाई कुशवाह ने 2 दिन बेर बेच कर संभाल कर रखें ₹100 के चिल्लर कार्यकर्ताओं के हाथों में हम आते हुए कहा कि चाहे जितना भी समय लग जाए पर भगवान आते जरूर हैं।
कार्यकर्ताओं की नम हो गईं आंखे:
मुन्नी बाई के इन शब्दों को सुनकर निधि संग्रह के लिए निकले कार्यकर्ताओं की आंखें भर आई। कार्यकर्ताओं ने विदिशा की शबरी मुन्नी बाई के साथ शबरी और राम प्रसंग पर चर्चा की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि निधि संग्रह के समय जहां एक तरफ बड़े बड़े घरों के लोग बहाने बना देते हैं। वही बेर बेचने वाली मुन्नी बाई ने खुशी खुशी 10, 20 के नोट के साथ खुले पैसे देकर ₹100 पूरे कर रसीद कटवाई।
कबाड़ का काम करने वाले बुजुर्ग ने किया 100 रुपए का समर्पण:
उत्तर प्रदेश के बरेली में कबाड़ का काम करने वाले एक बुजुर्ग ने श्री राम मंदिर निधि समर्पण अभियान में लगी बहनों को दिनभर कबाड़ बेचकर कमाए हुए पैसों में से 100 रुपए का समर्पण किया। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने कहा “यह ₹100 का समर्पण करोड़ों से बढ़कर है। तभी तो कहा है…जन जन के राम सबके राम।”