अंतरराष्ट्रीय संबंध

भारत ने विश्व भर को दी 362 लाख कोरोना वैक्सीन, ब्राजील ने तो बताया हनुमान जी की संजीवनी बूटी

नई दिल्ली: कोराना महामारी के रूप में प्रकृति ने दुनिया भर में स्वास्थ्य सुविधाओं पर किए जा रहे भारी भरकम कर्ज और मानव की वैज्ञानिक कार्यों की परीक्षा ले ली।

क्या समृद्ध और क्या निर्धन लगभग सभी देशों को प्रकृति के सामने घुटने टेकने पड़े। लेकिन इस चुनौतीपूर्ण समय में भी भारत ने अपने विश्व कल्याण की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए दुनिया के बहुत से देशों की मदद की।

पहले मास्क सैनिटाइजर जैसी जरूरी सामान और और कोरोना वैक्सीन सुदूर देशों तक पहुंचा कर भारत ने अपनी संकटमोचक छवि बनाई है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत ने दुनिया के विभिन्न देशों को अब तक 361.94 लाख कोरोना वैक्सीन प्रदान की है। इनमें से 294.44 लाख खुराक आपूर्ति की गई और लगभग 67.50 लाख खुराक अनुदान सहायता के रूप में दी गई हैं।

भारत का स्वदेशी वैक्सीन निर्माण कोरोना महामारी से लड़ने में क्रांतिकारी कदम था जिसकी प्रशंसा विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे संगठनों और बिल गेट्स जैसे पूंजीपति लोगों द्वारा की गई थी।

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि भारत संपूर्ण विश्व की मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन यह भी ध्यान रखा जाएगा कि देश में जारी टीकाकरण कार्यक्रम की आवश्यकताएं प्रभावित ना हो।

दुनिया के कई देशों ने भारत से कोरोना वैक्सीन खरीद के लिए संपर्क किया है और भारत कई देशों को अनुदान के रूप में भी टीके भेजेगा।

भारत ने अपनी संकटमोचक की छवि को ध्यान में रखकर संयुक्त अरब अमीरात, ब्राज़ील, मिस्र, नेपाल, सरबिया, कुवैत, अल्जीरिया, श्रीलंका, मैक्सिको, बहरीन, यूक्रेन,दक्षिण अफ्रीका, मोरक्को, मालदीव, म्यांमार, अर्जेंटीना, अल सल्वाडोर, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, कई अफ्रीकी देश, कैरेबियाई देश तक वैक्सीन उपलब्ध करवाकर मानवता की रक्षा की है।

ब्राजील बता चुका संजीवनी बूटी:

इसी वैक्सीन मैत्री अभियान के तहत ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो ने 23 जनवरी को भारतीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार को COVID-19 टीकों के निर्यात के लिए धन्यवाद देते हुए संजीवनी बूटी से तुलना की थी।

दरअसल बोलसनारो ने तस्वीर ट्वीट किया था जिसमें हिंदू भगवान हनुमान भारत से ब्राजील वैक्सीन ले जा रहे हैं। ब्राजील के राष्ट्रपति ने हिंदू महाकाव्य रामायण के संदर्भ का इस्तेमाल किया, जिसमें राम के भाई लक्ष्मण के जीवन को बचाने के लिए हनुमान जीवन रक्षक संजीवनी लेकर आए थे।

ब्राजील सम्मानित महसूस कर रहा है:

बोल्सनारो ने एक ट्वीट में कहा था “नमस्कार, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी! ब्राजील प्रयासों में शामिल होकर एक वैश्विक बाधा को दूर करने के लिए एक महान साथी के रूप में सम्मानित महसूस कर रहा है। भारत से ब्राजील को टीके के निर्यात में हमारी सहायता करने के लिए धन्यवाद। धन्यावाद!”

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