बिहार: पूर्णिया में मुस्लिमों की भीड़ ने महादलितों की बस्ती में लगाई आग, एक की मौत, दर्जनों घायल
पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले के बायसी थानाक्षेत्र के अंतर्गत मझुवा गांव में सैकड़ों लोगों की भीड़ ने 19 मई को महादलित बस्ती में आग लगा दी। आरोप है कि 200-300 मुस्लिम समुदाय के लोगों ने महादलितो के 23 घरों में आग लगाई। साथ ही हथियारों से लैस मुस्लिमों ने महादलितों से मारपीट की और महिलाओं से अभद्र व्यवहार भी किया। मारपीट में सेवानिवृत्त चौकीदार नेवालाल राय की मौत हो गयी। जबकि दर्जनों लोग घायल हुए।
पूर्णिया प्रशासन की तरफ से सभी पीड़ित परिवारों को सूखा राशन उपलब्ध कराते हुए प्रति परिवार 9800 रुपये की अनुग्रह अनुदान राशि दी गयी है। इसके अलावा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1989 (SC-ST Atrocity Act) के तहत सभी पीड़ितों को प्रति व्यक्ति 2 लाख का 25 फीसदी यानी 50000 रुपये की दर से पहली क़िस्त उपलब्ध। वहीं मृतक नेवालाल के परिजनों को 8.25 लाख का 50 फीसदी दिए जाने की स्वीकृति दी गई। जिला प्रशासन ने कहा कि शेष धनराशि चार्जशीट दाखिल होने पर दी जाएगी।
क्या था मामला
घटना 19 मई की है जब रात करीब 11 बजे 150-200 मुस्लिमों की भीड़ ने महादलितों की बस्ती पर हमला कर दिया। देखते ही देखते भीड़ ने उग्र रूप धारण कर लिया और लोगों के साथ जमकर मारपीट शुरू कर दी। आरोप है कि बेकाबू भीड़ ने पूर्व चौकीदार नेवालाल की पीट पीटकर हत्या कर दी। साथ ही महिलाओं के साथ भी अभद्र व्यवहार किया। बेकाबू भीड़ ने महादलितों की बस्ती में आग लगा दी जिससे दर्जनों घर जलकर ख़ाक हो गए। जिसके बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
पीड़ितों द्वारा 20 मई को बायसी थाने में 3 FIR दर्ज कराई गयी। अब तक 2 नामजद लोगों की गिरफ्तारी हुई। जबकि बाकियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। साथ ही महादलितों की बस्ती में आगजनी और हमले को लेकर विहिप और भाजपा ने आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। विहिप ने आरोप लगाया कि सैंकड़ों मुसलमानों की हथियारों से लैस भीड़ ने हमला कर लगभग दो दर्जन घरों को आग के हवाले कर दिया। गर्भवती महिला का सिर फोड़ दिया। अन्य बहिन-बेटियों, बच्चों व बुजुर्गों तक पर अमानवीय अत्याचार तथा धार-दार हथियारों से हमले किए। इन हमलावरों में बांग्लादेशी व रोहींग्या मुस्लिम घुसपैठिए भी शामिल थे।
विहिप महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि इस जघन्य हमले ने “मीम-भीम” के नारे की भी पुन: पोल खोल दी है। छुद्र राजनैतिक लाभ के लिए, ऐसे झूँठे नारों कि आड़ में ही हिन्दू समाज के इस पराक्रमी दलित समुदाय को हिंसा का शिकार बनाया जाता रहा है।
घटना के बाद तनाव की स्थिति को देखते हुए इलाके में भरी पुलिस बल तैनात किया गया है। आगजनी और हमले को लेकर 60 नामजद बाकी अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज़ किया गया है। एसपी दयाशंकर ने बताया कि जमीन विवाद को लेकर यह घटना हुई है। दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि अन्य की गिरफ़्तारी के लिए कोशिश जारी है।