दिल्ली एनसीआर

दिल्ली हिंसा में रतन लाल केस की चार्जशीट में भीम आर्मी का नाम, भड़काने का आरोप !

नई दिल्ली: दिल्ली दंगों को लेकर चार्जशीट में भीम आर्मी की भूमिका का भी जिक्र किया है।

दिल्ली दंगों को लेकर अब कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। इसी कड़ी में दिल्ली के चांद बाग़ इलाके में हुए दंगे में पुलिस कांस्टेबल रतन लाल मर्डर केस की चार्जशीट में जामिया कॉर्डिनेसन कमेटी की सफूरा जरगर सहित भीम आर्मी का नाम आया है। आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से मामले की जांच के दौरान यह पाया गया है कि दिसंबर में हुए नॉर्थ ईस्ट के दंगों के साथ एक संबंध है जो बाद में दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में फैल गया। इसमें चांद बाग में दंगा भी शामिल था।

चार्जशीट में सफूरा जरगर और स्थानीय मुस्लिम प्रदर्शनकारियों जैसे कई साजिशकर्ताओं के बीच एक गहरी साजिश का दाव किया गया है। आरोपपत्र में लिखा गया है कि 23 और 24 तारीख की रात षड्यंत्रकारियों और दंगाइयों के बीच एक गुप्त बैठक हुई थी और इस बैठक के बाद दंगे भड़क गए थे, जिसके परिणामस्वरूप पुलिसकर्मी रतन लाल की हत्या भीड़ ने की थी। आरोप पत्र में भीम आर्मी का जिक्र करते हुए पुलिस ने लिखा कि भीम आर्मी ने रोक के बावजूद पूर्व नियोजित और अवैध रूप से चांद बाग से राजघाट तक मार्च शुरू किया था। यह लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए किया गया था, जबकि पुलिस की तरफ से भीड़ को मार्च करने की अनुमति नहीं थी।

Role of Bhim Army, JCC Member and others, chargesheet by delhi police

दिल्ली में लगातार 4 दिन हुई हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी । मामले पर दिल्ली पुलिस के अनुसार सीएए का विरोध कर रहे भीम आर्मी के समर्थकों द्वारा रविवार 23 फरवरी शाम सीएए समर्थकों पर पत्थर चलाए जाने से इस दंगे की चिंगारी उठी थी।

दिल्ली दंगों में भीम आर्मी की सुनियोजित भूमिका: रिपोर्ट

फरवरी माह के अंत में दिल्ली में हुए दंगों में भीम आर्मी का जिक्र पुलिस की चार्जशीट में हुआ है। वहीं हिंदुस्तान अखबार की 29 फरवरी की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार दो पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि हमने मामले की जांच कर रही एसआईटी को जानकारी दी है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में ये बवाल शनिवार रात तब शुरू हुआ जब सीएए के खिलाफ विरोध कर रहे लोगों ने जाफराबाद मेन रोड को ब्लॉक कर दिया। पुलिस के अनुसार CAA समर्थकों पर पहला पत्थर भीम आर्मी के सदस्यों की ओर रविवार 23 फरवरी शाम 4.42 बजे फेंका गया था।

पुलिस ने भीम आर्मी के दिल्ली प्रमुख हिमांशू वालमिकी की पहचान की थी और दावा है कि उसने रविवार शाम 23 फरवरी 6 बजे तक और अधिक भीड़ को जुटाया था। इसी सब के चलते मौजपुर और कर्दमपुरी में पत्थरबाजी के कई मामले सामने आ गए। भीम आर्मी ने शनिवार 22 फरवरी को जाफराबाद में सीएए के खिलाफ भारी भीड़ जुटा ली जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं।

वहीं फ़लाना दिखाना की रिसर्च टीम ने 22-23 फरवरी को भीम आर्मी के दिल्ली प्रमुख हिमांशु वाल्मीकि की भूमिका को लेकर पड़ताल की तो उनके खुद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से CAA समर्थन कर रहे कपिल मिश्रा व उनके समर्थकों को धमकियां दी गईं थीं। हिमांशु नें CAA समर्थकों पर आरोप लगाकर कहा था कि “मैं भीम आर्मी की पूरी टीम के साथ जाफराबाद पहुंच रहा हूँ, तुझसे तो क्या तेरे बाप से भी नहीं डरते, आजा मैदान में।”

अगले बयान में भीम आर्मी नेता हिमांशु नें जाफराबाद मेट्रो के बाहर रात 12 बजे विरोध प्रदर्शन आयोजित करा जिसमें काफी महिलाएं थीं, फोटो शेयर की थी।

हालांकि इसके पहले भी दिल्ली दंगो के दौरान अलीगढ़ हिंसा मे PFI व भीम आर्मी की भूमिका की रिपोर्ट आई थीं।


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