‘ब्राह्मण का बेटा ब्राह्मण, शूद्र का बेटा शूद्र ही रहेगा, ये मनुस्मृति नहीं संविधान कहता है’: IAS अधिकारी
जयपुर (राजस्थान): संविधान व जातिवाद को लेकर IAS अधिकारी ने बड़ी टिप्पणी की है।
राजस्थान कैडर के IAS अधिकारी का एक बयान सोशल मीडिया पर चर्चा बन गया है। दरअसल IAS संजय दीक्षित ने अपने एक बयान में मनुस्मृति और भारतीय संविधान की तुलना को लेकर टिप्पणी की है।
IAS दीक्षित ने टिप्पणी में कहा कि “ब्राह्मण का बेटा ब्राह्मण और शूद्र का बेटा शूद्र ही रहेगा, यह बात मनुस्मृति नही, बल्कि भारतीय संविधान का जाति प्रमाण पत्र कहता है !”
आगे उन्होंने सनातन धर्म की तारीफ की और कहा कि “बाकी सनातन धर्म में तो व्यास, वाल्मीकि, रविदास को भी ब्राह्मण तथा संत की श्रेणी में रखा गया था। कर्म से महान, जय श्री परशुराम।”
ब्राह्मण का बेटा ‘ब्राह्मण’ और
शूद्र का बेटा ‘शूद्र’ ही रहेगा,
यह बात मनुस्मृति नही,
बल्कि भारतीय संविधान का
‘जाति प्रमाण पत्र’ कहता है!बाकी सनातन धर्म में तो व्यास, वाल्मीकि, रविदास को भी ब्राह्मण तथा संत की श्रेणी में रखा गया था। ‘कर्म से महान!’
जय श्री परशुराम— Sanjay Dixit ಸಂಜಯ್ ದೀಕ್ಷಿತ್ संजय दीक्षित (@Sanjay_Dixit) August 19, 2020
कौन हैं IAS संजय दीक्षित:
राजस्थान कैडर के 1986 बैच के IAS अधिकारी हैं संजय दीक्षित जोकि सोशल मीडिया पर एक लेखक की पहचान भी रखते हैं। वो द प्रिंट व स्वराज्यमग के लिए कॉलमिस्ट भी हैं। जबकि राजस्थान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं। साथ ही राजस्थान सरकार के प्रधान सचिव के पद पर भी काम कर चुके हैं।
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