Falana Report

अमेठी:भ्रष्टाचार केस से बचने का आखिरी उपाय था शिकायतकर्ताओं को फ़साना, आग लगाना प्रधानपति को पड़ गया उल्टा

प्रधानपति पहले भी लगा चुके थे फर्जी SC-ST एक्ट, भ्रष्टाचार में बचने के लिए शिकायतकर्ताओं को फ़साना हो गया था जरुरी इसलिए लगाई आग

अमेठी: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में प्रधान पति को जिन्दा जलाकर मारने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। जहां प्रधान पति को मारने का आरोप गाँव के ही पांच ऊंची जाति के लोगो पर लगा है। जानकारी के अनुसार पांचो लोगो का नाम मृतक अर्जुन कोरी ने बताया है जिसे एक ऑडियो रिकॉडिंग के जरिये प्रसारित किया जा रहा है। वहीं प्रधान छोटका ने पांच लोगो के अतिरिक्त दो अन्य लोगो को नामजद किया है।

प्रकरण के सामने आने के बाद से ही मीडिया इसे दलित उत्पीड़न के तौर पर प्रदर्शित कर रहा है जिसके कारण मामले की सच्चाई जानने के लिए हमारी टीम ने पुरे मामले पर एक ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करी है। ज्ञात होकि इससे पूर्व हमारी ग्राउंड रिपोर्ट ने हाथरस मामले को पूरी तरह से घुमा कर रख दिया था। फिलहाल प्रथम दृष्ट्ता में मीडिया की खबरे पढ़ कर यह मामला दलित शोषण का प्रतीत हो रहा था जिस कारण हमने पुरे मामले को उठाने से पहले दोनों पक्षों का बैकग्राउंड जानने का प्रयास किया।

दरअसल प्रधान पति अर्जुन मुंशीगंज कोतवाली क्षेत्र के बंदोईया गांव के थे जिनकी पत्नी छोटका गाँव से प्रधान है। पुरे गाँव में मृतक अर्जुन जी ही प्रधानी का कामकाज देखा करते थे। वहीं इनके साथ अन्य लोग रामबाबू व अजय तिवारी इनके राइट व लेफ्ट हैंड की तरह इनकी मदद किया करते थे। गाँव के सभी लोगो ने एक सुर में कहा कि अर्जुन जी नाम के प्रधानपति थे लेकिन पूरा कामकाज यही दो लोग किया करते थे।

इसके अतिरिक्त अधिक जानकारी जुटाने पर हमें मालूम चला कि प्रधानपति जी अकसर लोगो को फर्जी एससी एसटी एक्ट में अंदर कराने की धमकी दिया करते थे। इससे पहले इन्होने गांव के ही विनय तिवारी को फर्जी एससी एसटी एक्ट में फसाया हुआ था जोकि जाँच में पूर्णतः फर्जी पाया गया था। जिस कारण अकसर लोग इनसे डरा करते थे।

भ्रष्टाचार में अव्वल थे प्रधानपति
फसाये गए सभी आरोपियों में से जिन 5 लोगो को फसाया गया है उनमे से सभी किसी न किसी प्रकार से प्रधान के खिलाफ भ्रष्टाचार को उजागर करने में प्रयासरत थे। जिसमे इन लोगो द्वारा कई शिकायते भी दर्ज कराई गई थी जिस पर जाँच कमिटी भी हाल ही में गठित हो चुकी है। आपको बता दें कि आरोपी बनाये गए राजेश मिश्रा के घर पर बोरिंग लगाने का सारा पैसा प्रधानपति जी ने निकलवा लिया था जबकि राजेश को कोई लाभ नहीं दिया गया था। जिसकी शिकायत उन्होंने सम्बंधित अधिकारियो से करी थी। जिसको लेकर प्रधानपति राजेश मिश्रा व अन्य चार लोगो से नाराज रहा करते थे। इसके अलावा उनके खिलाफ अन्य तरह की वित्तय गड़बड़ी की कई शिकायते की जा चुकी थी जिसपर जल्द कार्यवाई होने वाली थी।

घटना वाली रात राजेश मिश्रा गए थे निमंत्रण में, घर के बाहर लगे CCTV फुटेज में नहीं दिखे प्रधानपति
घटना वाली रात करीब रात 11बजे प्रधानपति की जली अवस्था में लाश आरोपी बनाये गए कृष्ण कुमार के परिसर में मिली थी। जानकारी जुटाने पर हमने पाया कि कृष्ण कुमार के घर के एंट्री व एग्जिट दोनों पॉइंट पर उन्होंने मार्च माह में CCTV कैमरे लगवा दिए थे क्यूंकि उन्हें भी फर्जी एससी एसटी एक्ट थोपे जाने का डर था। CCTV कैमरा लगाने के पीछे उनका मकसद था कि ऐसी स्थिति में वह पुलिस को बता पाए कि किस समय वह घर में मौजूद थे और कब वह घर से बाहर निकले थे।

घटना वाले दिन भी CCTV फुटेज में साफ़ दिख रहा है कि आरोपी बनाये गए पिता कृष्ण कुमार व 15 वर्षीय आशुतोष दोनों प्रधान पति की अफवाह उड़ने से पहले से ही घर में थे व उसके बाद बाहर नहीं निकले। CCTV के मुताबिक नाबालिक आशुतोष शाम 4 30 बजे घर के अंदर दाखिल हुआ था। वहीं कृष्ण कुमार शाम 7 बजे घर के अंदर दाखिल हुए थे। लेकिन कृष्ण कुमार के घर के पश्चिमी दिशा में कोई कैमरा नहीं लगा था और वहां दिवार भी महज 3 फुट के आस पास ही है। जहां से कोई हाथे तक कूद कर आ सकता है लेकिन घर(जहां उनका कृष्ण कुमार का कमरा है) में नहीं घुस सकता है।

इसके अलावा अन्य आरोपी राजेश मिश्रा मामले में ही आरोपी बनाये गए रमाकांत के पिता के साथ एक निमंत्रण में गए हुए थे जो घर रात करीब 9 बजे ही पहुंचे थे। राजेश मिश्रा के पुत्र अमित मिश्रा ने हमें बताया कि पिता ने बोरिंग का हमारा पैसा हजम करने की शिकायत करी थी जिस कारण उन्हें भी इस मामले में घसीटा गया। बोरिंग उनके घर नहीं हुई लेकिन नाम चढ़ा दिया गया था। वहीं घटना वाले दिन निमंत्रण में वह 9 बजे के करीब घर आ गए थे जबकि घटना रात 11 कब्जे की है। अमित मिश्रा ने मामले की CBI जाँच व नार्को टेस्ट की मांग भी करी है।

मामले में अन्य सभी आरोपी बनाये गए लोग अपने घरो में थे जिनकी पुष्टि स्वयं उनके आस पड़ोस के लोगो ने करी थी। वहीं हमें नाम न बताने की शर्त पर प्रधान के करीबी व्यक्ति ने बताया कि प्रधान पति जी भ्रष्टाचार की जाँच के लपेटे में आ गए थे जिसके कारण उन्होंने पांचो को फ़साने का प्लान बनाया था। उन्होंने बताया कि इस मामले में प्रधान छोटका कि ओर से बाद में अन्य दो लोगो को नामजद किया गया है वह प्रधानी का सारा कार्य देखते थे। वहीं उनका नाम प्रधान ने नहीं लिया था। लेकिन उन्हें पूरी सच्चाई पता थी। जिस कारण उनको नामजद किया गया जिससे वह पुलिस पूछताछ में सच्चाई न उगल दें।

भ्रष्टाचार के मामले से बचने का एक ही उपाय था शिकायतकर्ताओं को दलित उत्पीड़न में फ़साना लेकिन लेकिन पड़ गया उल्टा
भ्रष्टाचार में बुरी तरह घिर चुके प्रधानपति के पास बचने का ही उपाय था कि वह शिकायकर्ताओं को दलित उत्पीड़न में फसा दें जिसके लिए संभवतः उन्होंने कृष्ण कुमार के हाथे में कूद कर खुद के कपड़े को थोड़ा सा जला कर उनको फ़साने की सोची थी। जिसके लिए बाकायदा प्रधानपति के गायब होने की अफवाहे उड़ाई गई थी (आरोपियों के परिजनों ने पुलिस से अफवाह के दौरान प्रधानपति के लोकेशन का पता लगाने की मांग करी है जिससे निर्दोषो को बचाया जा सके)।

प्रधानपति को परिसर में CCTV लगे होने की भी जानकारी थी जिसके कारण उन्होंने हाथे को चुना। वहीं कृष्ण कुमार के शाम 7 बजे घर में जाने की CCTV फुटेज प्राप्त हुई है जिसके बाद वह घर से बाहर ही नहीं निकले थे। आग लगाने के दौरान गलती से प्रधानपति के पुरे कपड़ो में आग पकड़ गई जिससे उनका पूरा शरीर जल गया। साथ ही प्रधानपति के पास से प्लास्टिक की बोतल प्राप्त हुई है जिसको फोरेंसिक टीम साथ ले गई है।

ग्रामीणों ने हमें बताया कि फसाये गया नाबालिक आशुतोष तो घर से बाहर भी नहीं निकलता था। वहीं कृष्ण कुमार के भाई ने हमें बताया कि आरोपी क्या कभी किसी को अपने घर में ही मारेगा ? अगर सच में मारना होता तो कही दूसरी जगह न मारते वहीं जिस चौराहे पर किडनेपिंग की बात कही जा रही वहां हर समय भारी भीड़ रहती है तो क्या किसी ने भी किडनैप करते नहीं देखा था? आरोपियों के परिजनों ने तत्काल CBI जाँच व नार्को टेस्ट की मांग करी है। जिससे उन्हें जल्द न्याय मिल सके।

जिस ऑडियो में ले रहे है नाम उसमे पहले परिजन बाद में बोल रहे है प्रधानपति
प्रधानपति का एक ऑडियो वायरल किया जा रहा है जिसमे 5 लोगो का नाम लेते प्रधानपति दिख रहे है। ऐसा लग रहा है कि परिजनों को पूरा रोड मैप ही मालूम था। चौराहे से लेकर घर तक पूरा वाकया जिस प्रकार से फटाफट बोला गया उसने उसे प्रश्न चिन्ह के घेरे में खड़ा कर दिया है जिस कारण पुलिस ने उसकी फॉरेंसिक जांच कराने की ठानी है। वहीं जब पांच के अलावा कोई नाम प्रधानपति ने नहीं लिया तो 2 अन्य लोग को क्यों नामजद किए गया है ।

हमारी जाँच में निकल कर सामने आया है कि रामबाबू व अजय तिवारी जोकि प्रधानपति का सारा कामकाज देखते थे उन्हें पुरे मामले की स्टोरी पता थी जिस कारण उन्हें भी बाद में नामजद कर दिया गया। खैर पुरे मामले में रामबाबू व अजय का रोल बेहद अहम हो गया है जिन्हे पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है। हमने दोनों से संपर्क करने का प्रयास किया जिसमे रामबाबू से बात नहीं हो पाई थी। वहीं अजय की पत्नी ने फ़ोन उठाकर उनके घर में न होने की जानकारी दी। बाद में संपर्क करने पर एक बार फिर फ़ोन नहीं उठा।

कुल मिलाकर पुरे प्रकरण में 5 बनाये गए आरोपियों के मामले में किसी के भी घटना पर मौजूद होने के सबूत हमें नहीं मिले है। वहीं ऐसा प्रति हो रहा है कि भ्रष्टाचार के केस से निजात पाने के लिए(जिसके पूर्णतः सबूत मौजूद है) प्रधानपति के लिए शिकायतकर्ताओं को फ़साना जरुरी हो चला था वर्ना उनपर गाज गिरनी तय थी।

खैर मामले में हमारी टीम रामबाबू व अजय से संपर्क करने व अन्य सबूत जुटाने का प्रयास कर रही है जिससे पुरे मामले में अधिक स्पष्टता आएगी।

नोट: इस मामले में CCTV फुटेज व अन्य जरुरी साक्ष्य को हम दूसरी रिपोर्ट में प्रकाशित करेंगे। जिसमे अधिक जानकारी के साथ कुछ रोचक तथ्य को भी पाठको तक पहुंचाया जायेगा। कृपया पल पल की अपडेट पाने के लिए हमारे ट्वीटर अकाउंट को फॉलो करें।

Follow our twitter handle @FDikhana to get more updates on this case.


Donate to Falana Dikhana:यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’

                                                        

इससे सम्बंधित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button