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जम्मू कश्मीर के ‘चीरड़ी’ गाँव में आजादी के बाद पहली बार बनी सड़क, ग्रामीण बोले सपना पूरा

ऊधमपुर: जम्मू कश्मीर के ऊधमपुर जिले में एक गॉंव में आजादी के बाद पहली बार सड़क संपर्क नसीब हुआ है।

ऊधमपुर ज़िले में चीरड़ी से धार लधा के बीच आज़ादी के बाद पहली सड़क का निर्माण हुआ है। चीरड़ी से चंदू नामक एक स्थानीय ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, “हमारा सपना था कि हमारे गांव में भी सड़क बने, अब हमारा सपना पूरा हो रहा है।” 

उपलब्धि की जानकारी खुद ऊधमपुर से लोकसभा सांसद व केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भी दी। उन्होंने ट्विटर पर तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि आजादी के बाद पहली बार उधमपुर जिले के दूर-दराज के चिरड़ी गांव को सड़क संपर्क मिला है। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए अवसर पैदा करेगा बल्कि COVID महामारी के खिलाफ लड़ाई में भी एक प्रमुख भूमिका निभाएगा। 

किश्तवाड़ के 4 गाँवों में बिजली पहली बार:

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में आज भी ऐसे कई इलाके हैं जहां आजादी के बाद भी लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इसी साल मार्च में राज्य के बिजली विकास विभाग ने किश्तवार जिले की चार और बस्तियों को विद्युत ग्रिड से सफलतापूर्वक जोड़ा था।

जिससे आजादी के 73 सालों बाद चिनाब दरिया के किनारे बसे 4 गांवों में ग्रिड से बिजली पहुंची। इसके पहले जनरेटर के माध्यम से ही रात में कुछ घण्टों तक बिजली मिल पाती थी।

पर्वतीय जिला डोडा के गांव में बिजली पहली बार पहुंची

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के पर्वतीय डोडा जिले के गनौरी-तांता गांव में इसी साल जनवरी में पहली बार बिजली के बल्ब की रोशनी देखी गई, जिससे ग्रामीणों के जीवन से दशकों का अंधकार खत्म हो गया।

गाँव का यह विद्युतीकरण कार्य उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के आदेश पर किया गया था, स्थानीय लोगों के एक समूह ने अंतिम “एलजी मुलाक़ात” कार्यक्रम में उनके सामने मांग रखी थी।

एलजी ने डोडा जिला प्रशासन को एक महीने के भीतर गांव का विद्युतीकरण सुनिश्चित करने के लिए कहा था। जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए सुदूर गांव को विद्युतीकृत करने का विधिपूर्वक कार्य 15 दिनों के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया था।

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