ब्राह्मण व्यापारी सुसाइड मामले में दो साल बाद आईपीएस अधिकारी का फिल्मी आत्मसमर्पण, जाने क्या है मामला?
लखनऊ- उत्तरप्रदेश के महोबा में एक ब्राह्मण खनन व्यापारी से छ लाख रूपये रिश्वत लेने और आत्महत्या करने के लिए उकसाने के मामले में आरोपी आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार ने शनिवार को लखनऊ कोर्ट में सरेंडर कर दिया हैं।
आपको बता दे कि महोबा के पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत मणिलाल पाटीदार के भृष्टाचार में लिप्त पाये जाने पर 9 सितंबर 2020 को निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद से ही वह फरार चल रहें थे।
इतना ही नहीं भृष्टाचार के आरोप में निलंबन की कार्रवाई के बाद से ही फरार चल रहे आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार को पकड़ने के लिए एडीजी जोन प्रयागराज द्वारा एक लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा भी की गई थी।
संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से हुई थी मौत
ब्राह्मण खनन व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी से छ लाख रुपये की रिश्वत लेने के बाद 7 सितंबर 2020 को मृतक व्यापारी ने एक वीडियो वायरल कर पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार पर गंभीर आरोप लगाएं थे, जिसके बाद संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से खनन व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत हो गई थी।
जिसके पश्चात प्रदेश सरकार ने वाराणसी आईजी विजय सिंह मीणा की अध्यक्षता में एसआईटी टीम का गठन कर जांच के लिए महोबा भेजा था, जहां एसआईटी ने अपनी जांच में आईपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार द्वारा व्यापारी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले दोषी पाया था।
एसआईटी के बार-बार नोटिस भेजने के बाद भी जब वह एसआईटी के समक्ष पेश नहीं हुए, तो उनके खिलाफ महोबा कोतवाली और विजिलेंस में मुकदमा दर्ज किया गया था।