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FD रिपोर्ट फिर सही: दलित प्रधान को ब्राह्मणों द्वारा जलाने की बात पुलिस जांच में निकली फर्जी, तीन माह से जेल में है निर्दोष

अमेठी: अमेठी के बहुचर्चित बंदोईया कांड में पुलिस ने अपनी जाँच पूरी कर चार्ज शीट दाखिल कर दी है। दरअसल मामले के तूल पकड़ने का कारण दलित प्रधान पति को सवर्णो द्वारा जलाने का रहा था। जहाँ मुख्य धारा की मीडिया ने इसे दबंग सवर्णो द्वारा शोषित प्रधान को पैसे मांगने पर न देने भर से जलाकर मार देने की खबर को प्रसारित किया था। हमने जब पुरे मामले को समझा तो प्रधान पति द्वारा दिए गए डाईंग डिक्लेरेशन की ऑडियो ने भी सभी को यह स्वीकार्य करने पर विवश कर दिया था कि दोषी ब्राह्मण समुदाय के लोग ही है। बावजूद इसके हमारी टीम ने शुरू से लेकर अंत तक पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट में पूरी सच्चाई प्रकाशित कर दी थी।

हमने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कैसे यह पूरा मामला आत्महत्या का है जिसे प्रधान पति ने ऊँची जाति के लोगो को फ़साने के लिए रचा था। जिसके लिए हमने कई महत्वपूर्ण तथ्य भी खोज निकाले थे। दरअसल सभी कथित आरोपियों ने दलित प्रधान पति के भ्रष्टाचार को उजागर करने के RTI लगा दी थी। जिसमे उनके द्वारा किये गए गभन का मामला सामने आया था। जिस पर घटना से कुछ दिन पहले जांच भी बैठी थी। वहीं जिस व्यक्ति के घर से प्रधान पति की जली अवस्था में लाश मिली थी वहां के CCTV फुटेज ने भी हमारी काफी मदद करी थी।

इसके आलावा फसाये गए आरोपियों की घटना के वक़्त लोकेशन व वहां मौजूद रहने के तथ्यों को भी हमने क्रॉस वैरिफाई किया था। जिसकी मदद से हम घटना की सच्चाई जान सके थे। जिस चौराहे से किडनेपिंग की बात की जा रही थी वहां मौजूद दुकानदारों व अगल बगल के लोगो से भी पूछताछ ने हमें सच्चाई तक पहुंचने में अहम जानकारियां दी थी।

सभी बिन्दुओ को मिला कर हमने अपनी रिपोर्ट में पाया था कि जाँच से बचने व आरोपियों को फ़साने के लिए प्रधान पति ने खुद को आग लगाने का नाटक किया था। जोकि उन्हें ही उल्टा पड़ गया था। इसके लिए बाकायदा मृतक बोतल में मिट्टी का तेल भी लेकर आया था।

हमारी जाँच का पड़ा असर, पुलिस ने बताये बिन्दुओ पर बढ़ाई थी कार्यवाई
हमारे द्वारा जारी की गई रिपोर्ट इकलौती ऐसी रिपोर्ट थी जोकि परिजनों के दावे व मीडिया की बातो को सीधे काट रही थी। जिसके बाद पुलिस ने उन्ही बिदुओ पर कार्यवाई को आगे बढ़ाया।

दबाव बढ़ता देख मृतक के परिजन अपने बयान से पलटे, बताया आत्महत्या
जब पुलिस ने बताये बिन्दुओ पर जांच आगे बढ़ाई तो मृतक के परिजनों ने अपना बयान बदल लिए व इसे आत्महत्या बता डाला। परिजनों के बयान की कॉपी फलाना दिखाना टीम के पास उपलब्ध है जिसमे मृतक अर्जुन कोरी का बेटा वही शब्द बोल रहा था जोकि हमने अपनी जांच में पाया था। परिजनों ने गभन की जांच को आत्महत्या का मुख्य कारण बताया था

ऑडियो बनाकर फ़साने की थी साजिश
मृतक प्रधान पति अर्जुन कोरी ने मरने से पहले एक ऑडियो भी रिकॉर्ड कराया था जिसमे वह फर्जी तौर पर कथित आरोपियों के नाम ले रहा था। जिसकी वजह से उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

बीते तीन माह से निर्दोष है जेल में, इसी बीच हुई माँ की मौत नहीं नसीब हुआ अंतिम दर्शन
फसाये गए चार निर्दोषो में से एक राजेश मिश्रा की माँ ने बेटे के विरह में दम तोड़ दिया था। बावजूद इसके उन्हें अपनी माँ के अंतिम दर्शन भी नसीब नहीं हुए थे। वह अपनी माँ के इकलौते पुत्र थे। बहुत मशक्कत के बावजूद उन्हें शासन ने रिहा नहीं किया था।

नहीं ख़त्म हुई मुसीबत, हत्या का चार्ज हटा तो आत्महत्या के लिए उकसाने का लगाया
जहाँ जाँच के बाद पुलिस ने हत्या के आरोपों से मुक्त कर दिया तो वहीं आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए आरोपी बना दिया है। जबकि आरोपियों ने बस प्रधान पति के भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिए RTI लगाई थी जिसमे उनका गभन पकड़ा गया था। खैर कोर्ट में अब इसकी सुनवाई होगी।


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