भारत बंद में दलितों द्वारा लगाए गए SC-ST एक्ट के 8 केस फ़र्जी, सभी आरोपी कोर्ट से बरी
2 अप्रैल भारत बंद : दलित संगठनों के इस बंद में एमपी के ग्वालियर जिलें में 2 गुटों में हुई झड़प के बाद 8 लोगों पर SC-ST एक्ट के तहत केस दर्ज हुए थे, विशेष जिला कोर्ट नें सभी आरोप फ़र्जी पाए
भोपाल (एमपी) : पिछले साल 2 अप्रैल 2018 वाले दलितों के बंद में 8 लोगों पर फ़र्जी SC-ST एक्ट का मामला आया है जबकि कोर्ट नें इन सभी आरोपियों को बरी कर दिया है |
दरअसल पिछले साल 2 अप्रैल को देशभर में दलित संगठनों द्वारा भारत बंद बुलाया गया था जिसमें कई जगह हिंसक झड़प, बसों व सार्वजनिक संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया गया था | इधर इस बंद का असर मध्यप्रदेश में ज्यादा देखने को मिला था और यहाँ हिंसा में कम से कम 4 लोगों की मौत हो गयी थी |
वहीं बंद के दौरान एमपी के चम्बल, ग्वालियर भिंड व मुरैना में दलित व सवर्ण समाज में काफ़ी तनाव दिखा, दोनों गुटों में हिंसक झड़प हुई थी जिसके बाद सवर्ण समाज से आने वाले कई लोगों पर SC-ST के तहत केस दर्ज कराए गए थे |
हालांकि इन मामलों की सुनवाई के लिए विशेष सत्र न्यायालय का गठन ग्वालियर जिले में किया गया था | इस कोर्ट नें सभी 8 मामलों की पूरी जाँच परख कर पाया है कि फरियादियों द्वारा लगाए गए सभी ये आरोप मढ़े गए थे और ये भी नहीं साबित हुआ कि दलितों पर जातिसूचक शब्द प्रयोग हुए | अंततः अभियोजन पक्ष की बातें बस कहानियाँ बनी रह गयी और हाल ही में नियुक्त हुए सत्र न्यायधीश ज़ाकिर हुसैन नें सभी 8 आरोपियों को बरी कर दिया है जो पिछले साल से जेल में बंद थे |