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मंदिर के गर्भ गृह में घुसकर दलित युवक ने तोड़ी देवताओं की मूर्ति, विरोध करने पर पुजारी सहित ग्रामीणों पर लगाया SC ST एक्ट

उत्तरकाशी- देवभूमि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में लोगों को हैरान और आक्रोशित करने वाला एक मामला सामने आया है, जहां एक दलित युवक ने जबरजस्ती मंदिर के गर्भ गृह में घुसकर वहां रखी पूजा सामग्री और देवताओं की मूर्तियों को तहस नहस कर दिया था।

इतना ही नहीं जब मंदिर के पुजारी व अन्य ग्रामीणों द्वारा उसके इस कृत्य का विरोध किया गया, तो उसने पुजारी और ग्रामीणों के खिलाफ ही एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया था। जिसके बाद मंदिर समिति और ग्रामीणों ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई हेतु कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

हालांकि अब कोर्ट के आदेश पर मोरी थाना पुलिस ने आरोपी आयुष कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 294 (पूजा स्थल को अपवित्र करना), 298 (किसी व्यक्ति की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द बोलना) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया हैं।

फैलाई गई भ्रमित जानकारी

आपको बता दे कि बीते दिनों इस पूरे मामले को लेकर तथाकथित दलित नेताओं और न्यूज़ चैनलों द्वारा इस मामले जातिगत रूप देने की हर संभव कोशिश की जा रहीं थी, वहीं सालरा गांव के पूर्व प्रधान किताब सिंह का कहना था कि, “आयुष रात को दलित समाज के कुछ लोगों के साथ आया और अचानक मंदिर में जाने की जिद्द करने लगा। उसके साथ मौजूद लोगों ने भी उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नंगे पांव ही दौड़ पड़ा और चौकीदार के रोकने के बाद भी मंदिर में घुस गया।”

पूर्व प्रधान ने कहा कि “मंदिर में घुसने के बाद आयुष ने वहां रखे संदूक, शंख आदि को फेंकना शुरू कर दिया और मंदिर के चौकीदार के साथ भी मारपीट करने लगा, जिसके बाद चौकीदार के शोर मचाने पर अन्य ग्रामीण भी इकट्ठा हो गए। लेकिन तब तक आयुष गर्भगृह में घुस गया और खुद को अंदर से बंद कर लिया।

उन्होंने कहा कि “गर्भगृह में घुसने के बाद आयुष ‘सदियों से अनवरत जल रहे पवित्र हवनकुंड’ पर बैठ गया और अपने हाथ पैरों से जलती लकड़ियों को फेंकने लगा, जिसके चलते वह थोड़ा झुलस गया था। इतना ही नहीं उसके मंदिर से बाहर आने के बाद आक्रोशित कुछ लोगों ने उसकी पिटाई भी कर दी थी।”

वहीं आपको बताते चले कि मंदिर की ऐसी मान्यता है कि “गर्भगृह में घुसने की अनुमति मंदिर के 12 पुजारियों में से भी सिर्फ़ तीन पुजारियों को ही है, जो साल में केवल तीन पर्वों के दौरान ही गर्भगृह में प्रवेश करते है।”

भीम आर्मी नेता ने दी मंदिर पर बुलडोजर चलाने की धमकी

इस पूरे मामले में हद तो तब हो गई, जब भीम आर्मी के एक नेता ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन करते हुए सवर्णों के खिलाफ लोगों के मन में जमकर जहर घोला और मंदिर पर ही बुलडोजर चलाने की धमकी देने लगा.

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