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दलित थानाध्यक्ष ने कहा “ब्राह्मण समाज दस वर्ष बाद सर पर ढोयेगा मैला”, सरपंच को SC-ST एक्ट में फ़साने की धमकी

मुज़्ज़फरपुर: बिहार के मुज़्ज़फरपुर में ब्राह्मणो से मैला ढोने व जातिसूचक शब्द कहने को लेकर दलित दरोगा के खिलाफ जिले के एसपी को पत्र लिखा गया है। मामला जिले के औराई थाना क्षेत्र के चैनपुर धरहरवा गाँव का है जहां सरपंच प्रतिनिधि को उनकी जाति की वजह से थानाध्यक्ष राजेश कुमार द्वारा अपशब्द बोलने व एससी एसटी एक्ट में फ़साने को लेकर मामला तूल पकड़ने लगा है।

दरअसल गाँव के लोगो की गिरफ़्तारी को लेकर सरपंच प्रतिनिधि विनय कुमार मिश्रा थानाध्यक्ष से मिलने गए थे उसी दौरान आरोप है कि थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने उनका पूरा नाम पूछा और उन्हें जातिसूचक गालिया देने लगे। साथ ही उन्होंने ब्राह्मण समाज से आने वाले दस वर्षो में मैला उठवाने की बाते भी कही।

मामले की संगीनता को देखते हुए नियो पोलिटीको की टीम ने सरपंच प्रतिनिधि से संपर्क कर पुरे मामला को जानना चाहा। सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि घटना 25 जून की है। वह गाँव के लोगो की गिरफ़्तारी पर प्रश्न पूछने के लिए थाने गए थे जहां थानाध्यक्ष राजेश कुमार मौजूद थे। उन्होंने उनका नाम जाना व ब्राह्मण जाति ज्ञात होते ही उन्हें गालिया बकने लगे।

“मैंने जैसे ही उन्हें अपना नाम बताया तो उन्होंने कहा कि साला ब्राह्मण तुम्हारा औकात ही क्या है। मैं हरिजन हूँ। मुझसे ज्यादा बात करोगे तो तुम्हारा हाल भाजपा नेता शोभेन्द्र सिंह व जदयू नेता संतोष भास्कर पटेल जैसा करके जूते से पीटूंगा। “

विनय मिश्रा द्वारा लिखा गया पत्र

विनय मिश्रा ने आगे बताया कि थानाध्यक्ष यही पर नहीं रुके उन्होंने मैला ढोने पर ब्राह्मण समाज को विवश करने तक की बात कह डाली। विनय जी ने बताया कि थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि आने वाले दस वर्षो में ब्राह्मण मैला ढोने का कार्य करेंगे। जैसे सुलभ इंटरनेशनल में ब्राह्मण पैखाना साफ़ करने का कार्य करते है। साथ ही राजेश कुमार ने उनकी पत्नी को लेकर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि तुम्हरी पत्नी सबसे घटिया सरपंच है।

हरिजन एक्ट में फ़साने की दी धमकी
अपनी शिकायत में विनय मिश्रा ने जोर देते हुए कहा कि थानाध्यक्ष ने उन्हें झूठे हरिजन एक्ट में फ़साने की धमकी भी दी है। विनय मिश्रा के मुताबिक वह उनके पुरे समाज को बर्बाद करने की बाते कह रहा है। ऐसे में अब उनका परिवार व समाज डर के साये में जीने को मजबूर है।

पुलिस की नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
नियो पोलिटीको ने पुरे मामले में स्थानीय पुलिस की प्रतिक्रिया जानने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने औपचारिक टिप्पणी करने से मना कर दिया। अभी फ़िलहाल मामले की जाँच के लिए पत्र पुलिस अधीक्षक के पास लंबित पड़ा है।


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