‘मंदिर जाने से सवर्णों ने दलित की हत्या की’- उमर खालिद व मंडल ने फैलाई फ़र्जी खबर !
अमरोहा (UP) : दलित युवा को मंदिर में जाने से हत्या की खबर सही नहीं बल्कि सच्चाई कुछ और थी।
पिछले दिनों सोशल मीडिया में तब एक घटना उफ़न रही थी जब खबर में दावा किया गया कि यूपी के अमरोहा में दलित युवक की मंदिर जाने पर हत्या कर दी गई।
इस खबर को लगभग सभी मेनस्ट्रीम मीडिया नें प्रकाशित किया उदाहरण इंडिया टूडे, द वायर, टेलीग्राफ, हिंदुस्तान टाइम्स, पत्रिका आदि। इसको बाद में सोशल मीडिया पर JNU छात्र उमर खालिद व प्रोफेसर दिलीप मंडल नें रीट्वीट किया।
Dalit Lives Matter? https://t.co/gCgVB7TWXt
— Umar Khalid (@UmarKhalidJNU) June 9, 2020
मंदिर जाने पर दलित को गोली मार दी। दलित मर गया। देवता ने किसका साथ दिया? #DalitLivesMatter
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) June 8, 2020
इस घटना को जातीय हिंसा देने के पीछे मीडिया नें मृतक के पिता के एक बयान को मान लिया गया था।
#DalitLivesMatter करता है या नहीं? 22 करोड़ से ज़्यादा लोगों की बात है।
अगर एक देश में इन्हें रखा जाए तो दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश बनेगा। 800 से ज़्यादा दलित हर साल जाति उत्पीड़न में मारे जाते हैं। ज़्यादातर केस दर्ज नहीं होते। (NCRB data) https://t.co/hji4KjJcvs
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) June 8, 2020
बता दें कि ये तथाकथित जातीय उत्पीड़न की घटना यूपी के अमरोहा जिले के हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव डोमखेड़ा की है। खबर का दावा था कुछ दलित युवक विकास का गांव के ही युवक हाेराम से विवाद हाे गया था। क्योंकि विकास मंदिर में पूजा करने गया थ और कुछ लाेगाें ने उसे राेक दिया था। इसी बात काे लेकर दाेनाें पक्षों के बीच विवाद हाे गया था।
पुलिस जांच में खबर का एंगल ही फ़र्जी निकल गया, अमरोहा पुलिस ने स्पष्ट किया है कि उपरोक्त दुर्भाग्यपूर्ण घटना का जातिगत पूर्वाग्रह से कोई लेना-देना नहीं था, बल्कि ये 5,000 रुपये के लेनदेन की आंतरिक लड़ाई थी।
पुलिस ने हत्या के कारण के रूप में मीडिया द्वारा दिखाए जाति विवाद को खारिज कर दिया है। पुलिस के अनुसार, मामले में 3 लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने कहा कि दोनों पक्षों को जमीन के मुद्दों पर 5000 रुपए का विवाद पाया गया था ।
पुलिस अधीक्षक, अमरोहा पुलिस स्टेशन, विपिन टाडा ने भी स्पष्ट किया कि विवाद 5,000 रुपये का था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीड़ित के पास आम के खेत और शहद उत्पादन की साझेदारी अपराधियों के साथ थी। विवादित पैसे को लेकर, दो समूहों में लड़ाई हुई। युवक तब गांव से भाग गया था लेकिन बदला लेने के लिए वह वापस आ गया और पीड़ित को मार डाला। पुलिस ने संदिग्ध को पकड़ लिया है और आगे की जांच जारी है।
@amrohapoliceथाना हसनपुर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम डोमखेड़ा में नाबालिग युवक की हत्या करने के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक अमरोहा डॉ0 विपिन ताडा द्वारा दी गयी बाइट @Uppolice @CMOfficeUP @dgpup @adgzonebareilly @digmoradabad @bstvlive @ZEEUPUK @News18HindiUP pic.twitter.com/taRo6E0SNH
— Amroha Police (@amrohapolice) June 7, 2020
यानी फ़लाना दिखाना की जांच में साबित हुआ कि सोशल मीडिया पर शेयर की गई खबर में हेडलाइन समेत एंगल गलत हैं और ये मामला 5 हजार रुपये की आपसी लड़ाई का था न कि दलित बनाम सवर्ण।
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Why Shivendra Tiwari is writing this piece?
Shivendra Tiwari is a student of journalism at the University of Delhi. Shivendra comes from a very remote village of Riwa situated in Madhya Pradesh. Shivendra’s knowledge about regional and rural politics defines his excellence over the subject. Apart from FD, he writes for ‘Academics 4 Namo’ and ‘Academics for Nation’ to express the clear picture of right-wing in the rural areas. Moreover, Tiwari Ji is from a science background and had scored more than 95% in his intermediate exams!