राजस्थानी रण

राजस्थान में हिंदू देवी अन्नपूर्णा वाली रसोई योजना को इंदिरा गांधी के नाम से किया शुरू, BJP ने लगाए आरोप

जयपुर (राजस्थान) : राशन योजना का नाम बदलकर गांधी परिवार पर करने से BJP गहलोत सरकार को घेर रही है। 

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा इंदिरा रसोई योजना की शुरुआत की। गहलोत ने एक बयान में कहा कि “कोई भी भूखा नहीं सोए के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी जी की जयंती पर निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंदिरा रसोई योजना का शुभारम्भ किया।”

गांधी परिवार के सदस्य पर योजना का नाम करने से राजस्थान की कांग्रेस सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। राजस्थान के कई भाजपा नेताओं ने हिन्दू देवी मां अन्नपूर्णा का अपमान बताया है।

जयपुर सिटी से भाजपा सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि “कांग्रेस पार्टी में चाटुकारिता की पुरानी परंपरा है। उसी परंपरा को निभाते हुए राजस्थान की सरकार ने अन्नपूर्णा रसोई का नाम बदलकर इंदिरा रसोई कर दिया है। कांग्रेस की सरकार के पास न तो विजन है और न ही सृजन। राम भरोसे.. राज्य सरकार।”

पूर्व मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि “प्रदेश की जनता को प्रत्येक मोर्चे पर सुशासन देने में असफल रही प्रदेश सरकार ने अन्नपूर्णा रसोई का नाम बदलकर इंदिरा रसोई योजना रखा है, जिससे सरकार की संकीर्ण सोच परिलक्षित हो रही है। सरकार द्वारा परिवार विशेष का महिमामंडन और गुणगान निंदनीय है।”

जून में हुई थी घोषणा:

मुख्यमंत्री गहलोत की ये योजना प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में शुरू होंगी जिसके तहत जरूरतमंद लोगों को दो समय का शुद्ध पौष्टिक भोजन रियायती दर से उपलब्ध कराया जाएगा।

राज्य सरकार इस योजना पर प्रति वर्ष 100 करोड़ रू खर्च करेगी। योजना के संचालन में स्थानीय NGO की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी एवं सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से प्रभावी मॉनिटरिंग होगी।

योजना की घोषणा तब की गई जब वर्चुअल कान्फ्रेंस के माध्यम से राज्य स्तरीय कोविड-19 जागरूकता अभियान की वर्चुअल लॉन्चिंग को CM गहलोत नें जून में संबोधित किया था।

वहीं गरीबों को रियायती खाना देने वाली इस योजना के नाम को इंदिरा गांधी के नाम पर रखने का पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने योजना के घोषणा के समय भी विरोध जताया था। वसुंधरा राजे ने कहा था कि “हमारी सरकार की योजनाओं का नाम बदलने में माहिर कांग्रेस सरकार ने ‘अन्नपूर्णा रसोई’ का नाम बदलकर ‘इंदिरा रसोई योजना’ कर दिया है। चलो देर आयद दुरुस्त आए।”

2016 में वसुंधरा सरकार ने शुरू की थी अन्नपूर्णा योजना:

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 15 दिसंबर 2016 को राजस्थान में अन्नपूर्णा रसोई योजना (ARY) शुरु की थी। उस योजना में अन्नपूर्णा रसोई वैन के जरिए मात्र 5 रुपये में सुबह का नाश्ता और महज 8 रुपये में पौष्टिक भोजन दिया जाता था।

हालांकि वसुंधरा राजे ने आरोप लगाया था कि “गहलोत सरकार ने अन्नपूर्णा योजना को बंद कर दिया था जिसे नाम बदल कर ही सही, आख़िर जनता की मांग पर उनकी अन्नपूर्णा रसोई योजना को शुरू करना ही पड़ा।”

गहलोत सरकार को चेतावनी देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा था कि “नाम नहीं अपने आप को भी बदलो सरकार। नहीं तो जनता सब कुछ बदल डालेगी।”

अन्नपूर्णा शब्द के बारे में बता दें कि हिन्दू धर्म में माँ जगदम्बा का ही एक रूप अन्नपूर्णा को माना गया है। सनातन धर्म की मान्यता है कि प्राणियों को भोजन माँ अन्नपूर्णा की कृपा से ही प्राप्त होता है।


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