दुराचार

5 दलितों ने ब्राह्मण युवती को दौड़ाया, भाई बचाने आया तो कुल्हाड़ी से सर फाड़ा अब इंस्पेक्टर ने लगाया SC-ST

रायबरेली: उत्तरप्रदेश के रायबरेली में स्थित ग्राम हटका थाना सलोन में जातीय हिंसा का एक दर्दनाक मामला सामने आया हैं। जहां आरोपियों से लेकर थाना प्रभारी पर जातिवाद करने का आरोप लगाया गया है।

दरअसल हमारी रिपोर्ट में यह पाया गया कि गाँव के ही एक दलित समुदाय ने जमीनी विवाद में एक युवती सोनम(बदला हुआ नाम) मिश्रा की ज़मीन कब्जाने की कोशिशें करी थी जिसपर आपत्ति जताने भर से दलित समुदाय के 5 लोगो ने कुल्हाड़ी, लाठी व धारधार सरिया से युवती पर धावा बोल दिया था।

जिसमे बीच बचाव करने पहुंचे युवती के भाई मनीष मिश्रा को भी आरोपियों ने कुल्हाड़ी से हमला करते हुए सर पर कई बार कुल्हाड़ी चला डाली। हमले से बेहद बुरी तरह घायल हुए मनीष मौके पर ही बेहोश हो गए। जिसके बाद आनन फानन में मनीष को उसकी बहन पास के ही सरकारी अस्पताल ले गई जहां से उन्हें हालत गंभीर होने के कारण रायबरेली स्थित राणा बेनी माधव सिंह जिला अस्पताल ले जाया गया।

कुल्हाड़ी के वार से बेहद गंभीर चोट होने के कारण जिला अस्पताल के भी हाथ पाँव फुल गए जिसके बाद मनीष को लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज अस्पताल में ले जाया गया जहां मनीष का उपचार चल रहा हैं।

अमानवीय हमले के कसीदे पढ़ रही कुल्हाड़ी के बर्बर हमले में बुरी तरह घायल मनीष व सोनम को मोलेस्ट करने के बाद भी आरोपियों पर एफआईआर दर्ज न करते हुए इंस्पेक्टर बृजमोहन ने उल्टा आरोपियों का पक्ष लेते हुए पीड़ित परिवार पर ही एससी एसटी एक्ट का मामला दर्ज कर लिया हैं। जिसके बाद परिवार की ओर से हमारी टीम से मदद की गुहार लगाई गई थी।

क्या हैं पूरा मामला
हटका गाँव में दो पड़ोसी दलित व ब्राह्मण परिवार में बीते दिनों से ज़मीन विवाद चल रहा था। जिसके बाद घर में अकेली युवती ने अपने भाई मनीष मिश्रा को पास के ही गाँव से मामले को सुलझाने के लिए बुलाया था।

घायल के परिवार से बातचीत में हमने पाया कि कुछ समय पहले ही दलित परिवार ने पीड़ित युवती के गलियारे में स्थित दिवार गिरा दी थी जिसके बाद पीड़ित परिवार की ओर से पुलिस में मामले को दर्ज कराया गया था लेकिन इंस्पेक्टर बृजमोहन की ओर से मामले पर कोई कार्यवाई नहीं करी गई।

वहीं गाँव वालो का आरोप हैं कि इंस्पेक्टर बृजमोहन बेहद ही जातिवादी प्रवत्ति का व्यक्ति हैं जो मामले में ब्राह्मणो को परेशान करने के लिए कुख्यात हैं। हालाँकि फ़ोन पर बृजमोहन ने इन सभी आरोपों से कन्नी काटते हुए कहा कि उन्होंने कभी ऐसा भेदभाव नहीं किया हैं।

खैर पुलिस की ओर से कार्यवाई न किये जाने पर आरोपियों का मनोबल बढ़ गया साथ ही एससी एसटी एक्ट में फ़साने की धमकियों के बीच 30 जून को शाम करीब 6 बजे आरोपी पीड़ित की ज़मीन पर अपना कब्ज़ा जताने के मकसद से नाप जोप करने लगे। जिसपर मना करने पर आरोपियों ने पहले तो सोनम को मोलेस्ट किया फिर उसके बाद वार करने के लिए कुल्हाड़ी लेकर दौड़ पड़े। वहीं हमले से घबराई युवती ने जब शोर मचाया तो उसका भाई मनीष मिश्रा बीच बचाव करने आया।

मनीष को निहत्थे पाकर पांचो आरोपियों ने कुल्हाड़ी, डंडो व सरिया से हमला बोल दिया जिसमे आरोपियों ने बेहद निर्ममता से मनीष के सर पर कुल्हाड़ी से वार करने शुरू कर दिए। वहीं कुल्हाड़ी के वार से मनीष तुरंत बेसुध होकर ज़मीन पर गिर पड़े जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत होने पर रायबरेली से लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज अस्पताल रेफेर किया गया। ज्ञात होकि मनीष के सर पर दस के करीब टाँके आये हैं जिससे उनका पूरा सर ही खुल गया था।

इतना कुछ हो जाने के बाद भी युवती सोनम की ओर से दी गई तहरीर को नकारते हुए पुलिस ने प्रथम FIR आरोपियों की ओर से मनीष व उसके रिश्तेदारों पर ही दर्ज कर डाली। साथ ही उनपर एससी एसटी एक्ट भी थोप दिया गया। मनीष मिश्रा की मेडिकल रिपोर्ट को भी पुलिस इंस्पेक्टर ने मानने से इंकार कर दिया।

बाद में टीम फलाना दिखाना के हस्तक्षेप के कारण पुलिस ने पुरे 8 दिन बाद FIR को दर्ज करते हुए 5 आरोपी रंजीत पासी, अंकल पासी, रमेश पासी, सुभाष पासी व प्रताप पासी को आरोपी बनाया हैं। वहीं हमें दिलासा देने के बाजवूद जब पीड़िता फिर से थाने में गई तो दरोगा ने FIR की कॉपी देने से इंकार कर दिया। साथ ही अभद्रता से बात करते हुए युवती को थाने से भगा दिया।

बृजमोहन ने युवती को बताया करैक्टरलेस, कहा कराती रही हैं ऐसे काण्ड
अपना पलड़ा झाड़ने के चक्कर में बृजमोहन इंस्पेक्टर ने युवती को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने एथिक्स की धज्जिया उड़ाते हुए युवती सोनम को ही हमले की वजह बता डाला। उन्होंने कहा कि युवती आये दिन ऐसे हमले कराती रहती हैं व वो गाँव में अन्य कार्यो के लिए भी जानी जाती हैं। जिसपर सवाल पूछने पर उन्होंने हमें सीधा जवाब न देते हुए बात ही बदल डाली।

FIR दर्ज होने पर पीड़ित परिवार ने फलाना दिखाना का कहा धन्यवाद् लेकिन थाने जाने पर दरोगा ने की अभद्रता 
मामले पर कार्यवाई करने के लिए बृजमोहन को विवश करने व कड़े सवालो से इंस्पेक्टर साहब को घेरने के कारण दबाव में आई पुलिस ने कार्यवाई करते हुए आरोपियों पर FIR दर्ज कर ली हैं. लेकिन जब थाने में पीड़िता आज पहुंची तो दरोगा ने फटकारते हुए युवती को वहां से भगा दिया।

ऐसे में प्रदेश में रोजाना बढ़ रहे मामले व मीडिया द्वारा दलित एंगेल के अभाव में रिपोर्ट को नहीं उठाने से आज एक वर्ग न्याय से वंचित सा होता जा रहा हैं।


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Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem!

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One Comment

  1. आपका प्रयास अनुकरणीय और प्रशंसनीय है।
    हम आपको अपनी सीमित आर्थिक क्षमताओं के कारण आर्थिक सहयोग तो पर्याप्त रूप से नहीं कर पा रहे हैं। इसका हमको खेद है। इसका एक कारण हमारे द्वारा नोट बैंकिग प्रयोग न करना भी है।
    हमारे विचार से आपको अपना बैंक एकाउंट नं भी देना चाहिए।
    भगवान से आपकी पूरी टीम के स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु प्रार्थना है।
    आचार्यगुरु ललितानंद व्यास
    हर हर महादेव

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