दूसरे नेताओं ने करौली घटना की निंदा की, कपिल मिश्रा ने 24 घंटे में पीड़ित परिवार के लिए जुटाए 23 लाख
करौली (राजस्थान): पुजारी वाले घटनाक्रम में भाजपा नेता कपिल शर्मा ने अद्वितीय कार्य किया है।
राजस्थान के करौली में एक पुजारी को जिंदा जलाने से पूरे देश में गुस्सा है। इसी बीच घटना के सामने आने के बाद राजनीतिक दल बयानबाजी भी शुरू कर चुके हैं। जबकि इनमें से अलग काम करते हुए दिल्ली के पूर्व मंत्री व भाजपा नेता कपिल मिश्रा करौली घटना पर सुर्खियां बटोरी है।
खबर है कि कपिल कल करौली में पीड़ित परिवार से मिलने जाएंगे जहाँ पुजारी बाबा वैष्णव को राजस्थान के करौली में जिंदा जला दिया गया था।
24 घन्टे में 23 लाख जुटाए:
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया के माध्यम से पुजारी के परिवार की मदद करने के लिए एक अभियान चलाया और केवल 24 घंटों में 23 लाख रुपये एकत्र किए। कपिल मिश्रा ने बताया कि पुजारी का परिवार बहुत गरीब है और उनकी हत्या के बाद परिवार में चार जवान बेटियां और एक बेटा है। परिवार को तुरंत समाज के साथ अधिक समर्थन की आवश्यकता थी, इसलिए इस अभियान को अंजाम दिया गया।
कपिल मिश्रा द्वारा चलाए गए इस अभियान में, देश के विभिन्न शहरों और दुनिया के कई देशों के लोगों ने पुजारी के परिवार के लिए आर्थिक मदद भेजी और केवल 24 घंटों में 23 लाख रुपये से अधिक एकत्र किए। अब तक कुल 2587 लोगों ने दान किया है। कल रविवार को कपिल मिश्रा पुजारी के परिवार से मिलने राजस्थान जाएंगे। कपिल मिश्रा का कहना है कि यह पैसा ऑनलाइन इकट्ठा किया गया है और इसे सीधे पुजारी की पत्नी के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
परिवार को समाज व सरकार दोनो की जरूरत:
कपिल मिश्रा ने एक बयान जारी कर कहा कि इस समय पुजारी के परिवार को समाज और सरकार दोनों की जरूरत है। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परिवार के साथ न्याय हो और परिवार को पुजारी के परिवार को वित्तीय सहायता और सरकारी नौकरी भी दी जाए।”
मिश्रा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “करौली में पुजारी को जिंदा जलाने की भीषण हत्याकांड भी आपके संज्ञान में है।” कृपया परिवार और सरकारी नौकरी के लिए वित्तीय सहायता सुनिश्चित करें। लगभग 25 लाख रुपये, हम लोग इकट्ठा कर रहे हैं और दे रहे हैं, आप सरकार हैं, न्याय सुनिश्चित करें।
परिवार की स्थिति है कमजोर:
मृतक पुजारी बाबूलाल की पारिवारिक स्थिति कमजोर है। उनकी 6 बेटियां और एक बेटा है। बेटे को मानसिक रूप से कमजोर बताया गया है। बाबूलाल मंदिर की पूजा करके और मंदिर की जमीन पर खेती करके अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था। उनकी मृत्यु के बाद, परिवार को जीवकोपार्जन संकट का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में सरकार से परिवार को मुआवजा देने की मांग की जा रही है और विभिन्न संगठनों से सरकारी नौकरी की मांग की जा रही है