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SC-ST एक्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट का आरक्षण का फैसला पलटेगी BJP सरकार
HRD: उच्च शिक्षण संस्थाओं में भर्तियों में 13 प्वाइंट कोटा सिस्टम से SC-ST व OBC कोटा के प्रभाव रोकने के लिए सरकार नें आर्डिनेंस या बिल लाने का सरकार ने फैसला कया है"
नईदिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार संसद में SC-ST एक्ट की तरह ही एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने की पूरी तैयारी में है और इस बार ये मामला जुड़ा है 13 प्वाइंट रोस्टर आरक्षण से जिसे हाल ही में 200 प्वाइंट सिस्टम को खत्म कर सबसे बड़ी कोर्ट नें इस कोटा सिस्टम को देश की सभी युनिवर्सिटी में लागू किया था |
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने की तैयारी में सरकार :
HRD मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि ” उच्च शिक्षण संस्थाओं में भर्तियों में 13 प्वाइंट कोटा सिस्टम से SC-ST और OBC आरक्षण को प्रभावित न हो और इसको रोकने के लिए सरकार नें अध्यादेश या विधेयक लाने का सरकार ने फैसला कया है | “
श्री जावड़ेकर ने कहा कि ” सरकार हमेशा सामाजिक न्याय के पक्ष में है, आरक्षण संबंधी रोस्टर प्रणाली पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करेगी | और अदालत में यह याचिका खारिज होने की स्थिति में सरकार ने अध्यादेश या विधेयक लाने का फैसला किया है | “
कोटा सिस्टम पर विपक्षी दलों के हंगामें से दबाब में सरकार :
राज्यसभा में इस मामले पर SP, BSP RJD समेत अन्य विपक्षी दलों के हंगामे के कारण पिछले तीन दिनों से जारी गतिरोध पर सरकार की मनसा स्पष्ट करते हुए श्री जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा कि SP, BSP व RJD सांसद उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्तियों में आरक्षण संबंधी 13 सूत्री रोस्टर के बजाय 200 सूत्री रोस्टर को वापस लेने के लिए अध्यादेश या विधेयक लाने की मांग कर रहे हैं |
उन्होंने कहा कि ये सांसद मानते हैं कि ” रोस्टर प्रणाली से SCST व OBC कोटा पर असर पड़ेगा ” |
श्री जावडे़कर ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर लागू की गई 200 सूत्री रोस्टर प्रणाली के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका खारिज करने के बाद सरकार अब पुनर्विचार याचिका दायर करेगी.
अंतिम फैसले तक बंद होगी विश्विद्यालयों में भर्ती : HRD मंत्री
श्री जावड़ेकर ने कहा है ” इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया पूरा होने तक उच्च शिक्षण संस्थाओं में नियुक्ति या भर्ती प्रक्रिया बंद रहेंगी |
उन्होंने राज्यसभा में SP, BSP व RJD के हंगामें के बीच जवाब में बताया कि ” रोस्टर प्रणाली को समग्र संस्थान के बजाय विभागीय आधार पर लागू करने से विभिन्न वर्गों के आरक्षण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव का सरकार ने अध्ययन कराया है | “
इसके आगे उन्होंने कहा कि ” हमने नया अध्ययन किया है जिसमें लगभग 30 विश्वविद्यालयों की मौजूदा व्यवस्था का विश्लेषण कर यह जानने का प्रयास किया है कि विभागवार रोस्टर प्रणाली लागू करने पर अनुसूचित जाति और जनजातियों को किस प्रकार से नुकसान होगा | “
{इनपुट्स: न्यूज 18}