सवर्ण आयोग के माँगकर्ता BJP सांसद का कटा टिकट, बोले ‘ब्राह्मण होने की सजा मिली’
उत्तरप्रदेश: बाँदा जिले के सांसद भैरो प्रसाद मिश्र बैठे घरने पर, BJP में जातीय समीकरण के कारण ब्राह्मणों की उपेक्षा का लगाया आरोप
यूपी (बाँदा) : भाजपा में जातीय समीकरण के कारण ब्राह्मणों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए भावुक हुए बाँदा से सांसद भैरो प्रसाद मिश्र | उन्होंने टिकट काटे जाने पर कहा कि उन्हें ब्राह्मण होने की सजा दी गई है |
मुझे ब्राह्मण होने की सजा मिली मैं पिछड़ा नहीं हूँ : BJP सांसद
शनिवार 6 अप्रैल को भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति नें 24 उम्मीदवारों वाली 18वीं लिस्ट जारी कर दी है | लेकिन यूपी में टिकट वितरण को लेकर अब बवाल मच चुका है, क्योंकि बाँदा से वर्तमान में सांसद भैरो प्रसाद मिश्र पार्टी मुख्यालय के बाहर ही धरने पर बैठ गए हैं |
दरअसल यूपी की बाँदा सीट से श्री मिश्र का पट्टा कट गया है और उनके स्थान पर पूर्व मंत्री व मानिकपुर से बीजेपी विधायक श्री आरके पटेल को मैदान में उतारा गया है | इसे एक तरह से जातीय समीकरण के रूप में भी देखा जा रहा है क्योंकि यूपी में सपा बसपा गठबंधन है और यह बैकवर्ड कार्ड गठबंधन पर सीधा प्रभाव डालेगा |
हालांकि टिकट न मिलने से श्री मिश्र काफ़ी नाराज हो चुके हैं और उन्होंने यहाँ तक कह दिया है कि अगर पार्टी अपना फैसला नहीं बदलेगी तो वो निर्दलीय ही चुनाव लड़ेंगे |
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ” मेरी सीट इसलिए काटी गई क्योंकि मैं ब्राह्मण हूँ, बैकवर्ड नहीं हूँ |
मुझसे कोई अच्छा था तो बताकर टिकट दे देते, ये तरीका है : श्री मिश्र
अपनी पार्टी से लामबंद हुए भैरो प्रसाद मिश्र यहीं नहीं रुके उन्होंने पार्टी पर कई आरोप लगाए और भावुक भी हो गए | उन्होंने कहा कि ” पार्टी में यहाँ से मुझसे भी कोई अच्छा उम्मीदवार था और उसे टिकट देना था तो मुझे बताकर टिकट दे देते और यही तरीका है | ”
उन्होंने संसद में अपना प्रदर्शन भी मीडिया को बताया कि लगभग पूरे 5 साल वो वहाँ उपस्थित रहे हैं और जनता के मुद्दे उठाए हैं इसीलिए ‘इंडिया पोस्ट’ व पत्रिका नें उन्हें बेस्ट सांसद के रूप में चुना था |
उन्होंने बताया कि उन्होंने 5 सालों में संसद के 17 सत्रों में 2095 डिबेटों में भाग लिया |
आपको बता दें कि भैरो प्रसाद मिश्र इससे पहले भी लोगों की नजर में आए जब संसद में उन्होंने पहली बार SC-ST व OBC की तरह सवर्ण आयोग बनाने के लिए माँग उठाई थी |