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बिहार : डिप्टी CM सुशील मोदी का बड़ा बयान ‘2021 जातिगत जनगणना से SC-ST आरक्षण बढ़ेगा’
जननायक कर्पूरी ठाकुर जयंती समारोह में संबोधन पर सूबे के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार नें आरक्षण पर कहा "आजादी के बाद पहली बार कोई गरीब और पिछड़े समाज का बेटा देश की गद्दी पर बैठा है"
पटना (बिहार) : रविन्द्र भवन पटना में भाजपा अतिपिछड़ा मोर्चा द्वारा आयोजित जननायक कर्पूरी ठाकुर जयंती समारोह में संबोधन पर सूबे के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार नें आरक्षण पर कही बड़ी बातें |
उन्होंने कहा कि ” कर्पूरी जी ने पिछड़ों- अतिपिछड़ों को पहली बार आरक्षण देकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया है। 1978 में जनसंघ के नेता व वित्त मंत्री कैलाशपति मिश्र जी के सहयोग यह संभव हुआ।
NDA की सरकार ने बिहार में पंचायत चुनाव में अतिपिछड़ा समाज को 20% आरक्षण दिया। वीपी सिंह की सरकार में शामिल भाजपा ने मंडल कमीशन लागू करवाने में महती भूमिका निभाई। पिछड़ा वर्ग के आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने किया।
नरेंद्र मोदी जी की सरकार कर्पूरी जी के सपनों को साकार कर रही है। 1978 में कर्पूरी जी ने 26% आरक्षण पिछड़े- अतिपिछड़े समाज को दिया जिसमें ऊंची जाति के लोगों को भी3% आरक्षण था।जिसे RJD ने 1992 में खत्म कर दिया। फिर जब मोदी जी ऊंची जाति के गरीबों को10% आरक्षण दिया तो RJD ने विरोध किया।
NDA सरकार ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से बहाली में भी आरक्षण का प्रावधान किया है। हमारी सरकार में पंचायत चुनाव में आरक्षण का परिणाम यह है कि आज 1600 से ज्यादा मुखिया अतिपिछड़ा समाज के बने हैं और 1200 के करीब मुखिया अनुसूचित जाति और जनजाति समाज के बने हैं।
कर्पूरी जी के नाम का स्वांग रचने वाली RJD बताएं-27 साल तक बिहार में पंचायत चुनाव क्यों नहीं हुआ ? ऊंची जाति के लोगों का 3% आरक्षण क्यों खत्म किया ? 2001 में SC/ ST को बिना आरक्षण दिये क्यों चुनाव करवाया ?
पिछड़ा- अतिपिछड़ा और SC/ST समाज के साथ सौतेला व्यवहार करने वाली कांग्रेस बताएं- मंडल कमीशन रिपोर्ट क्यों नहीं लागू किया ? 1931 के बाद जातीय जनगणना क्यों नहीं करवाई ? ऊंची जाति के गरीबों को आरक्षण क्यों नहीं दिया ?
BJP की नीति समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की है। चाहे SC/ST अत्याचार अधिनियम में दलितों के न्याय का मामला हो, मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के भेदभाव से मुक्ति दिलाना हो या ऊंची जाति के लोगों को 10% आरक्षण देने का मामला हो।
BJP की नीति समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की है। चाहे SC/ST अत्याचार अधिनियम में दलितों के न्याय का मामला हो, मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के भेदभाव से मुक्ति दिलाना हो या ऊंची जाति के लोगों को 10% आरक्षण देने का मामला हो।
जातीय जनगणना के बाद SC/ST समाज के आरक्षण के कोटे को बढ़ाया जाएगा। अगले पंचायत चुनाव में अतिपिछड़ा समाज के लोगों के कोटे को बढ़ाने का काम NDA सरकार करेगी।
आजादी के बाद पहली बार कोई गरीब और पिछड़े समाज का बेटा देश की गद्दी पर बैठा है। जो भ्रष्टाचारी और वंशवादी पार्टियों के आंखो का कांटा बना है। पिछले लोकसभा चुनाव में BJP को 31 सीटें मिली और आज हमारे साथ जनता दल यू और लोक जनशक्ति पार्टी भी है।
कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में ऊंची जातियों को 3% रिजर्वेशन दिया था, जबकि उनके नाम पर गरीबों को गुमराह करने वाले लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री बनने के दो साल बाद ही ऊंची जातियों से नफरत की वजह से इस समुदाय के गरीबों का मामूली रिजर्वेशन भी 1992 में बंद कर दिया था।
लालू प्रसाद की पार्टी ने ऊंची जाति के गरीबों का रिजर्वेशन छीना और पंचायत चुनाव में दलितों-पिछड़ों, महिलाओं को रिजर्वेशन से वंचित रखकर संविधान की भावना पर गहरा आघात किया, जबकि उनके वारिस संविधान बचाओ यात्रा का नाटक करते हैं।