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MP: पिता नें जिस बेटी को अफ़सर बनाने के लिए ठेले में ईंट ढोए, रीवा के उसी बेटी का PSC में चयन

MPPSC : मध्यप्रदेश के रीवा जिले की बेटी का राज्य की सबसे बड़ी परीक्षा में चयन, पढ़ाई के लिए पिता नें ईंट-पत्थर तक ढोए

रीवा (MP) : अक्सर कहा जाता है कि ऊंची-ऊंची उड़ाने परों से नहीं बल्कि हौसलों से उड़ी जाती हैं और ऐसा ही काम MP के रीवा की एक गरीब पिता की बेटी नें कर दिखाया है |
रीवा शहर के बिछिया के पास मोहम्मद शब्बीर खान नामक बुजुर्ग रहते थे उनके पास कोई जमा पूंजी नहीं थी | मजदूरी कर दो वक्त की रोटी जुटाना उनकी नियत में था, वह भी चाहते थे कि उनके बेटे-बेटी अफसर बने, अधिकारी बने |
शब्बीर ने बताया कि उनके तीन बच्चे और एक बेटी थी वह अपने सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर बड़े पदों पर देखना चाहते थे लेकिन कुछ मजबूरियां ऐसी कि बच्चे स्वयं  के रोजगार में चले गए और रोजी रोटी के लिए ही कमा पाते | लेकिन बेटी फिरोजा खान चाहती थी कुछ और ही बनना, उनके अब्बू ने बताया कि बेटी की पढ़ाई के लिए वह दिनभर ठेला गाड़ी में टाइल्स और पत्थर ढोते, मौका मिलता तो पल्लेदारी भी करते ताकि वह अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा दे सके |
कड़ी मेहनत के कारण उनके घुटने भी खराब हो गए इसलिए वह अब ठेला नहीं चला सकते, लेकिन बेटी की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए भाई के होटल में हलवाई का काम करने लगे |
फिरोजा पढ़ने में काफी होशियार थी उसने मेरी मेहनत साकार कर दी और 2015 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की MPPSC परीक्षा में बैठना चाहती थी पैसा ना होने के बावजूद उसे इंदौर कोचिंग के लिए भेजा | उसने 2017 में MPPSC की परीक्षा पास की और उसका डिप्टी जेलर पद पर हो गया है लेकिन प्रतीक्षा सूची में पहले स्थान पर थी |
इसी बीच पटवारी की परीक्षा भी हुई और चयनित हो गई, इसी महीने डिप्टी जेलर के पद पर 21 जून को ज्वाईनिंग होनी है |
खुशी है उसने कहा कि मुझे पढ़ने और कुछ करने की इच्छा थी लेकिन गरीबी आड़े आ रही थी लेकिन मेरे अब्बा ने मेरा हौसला बढ़ाया और कहा कि दोगुनी मेहनत करेंगे लेकिन उसकी पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं आएगी मैंने उनका सपना साकार करने के लिए मेहनत की और अब डिप्टी जेलर पर  होने वाली है |
{INPUTS FROM NEWSPAPER}

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