फलाने की पसंद

यूएन : भारत में सबसे अधिक चिंता बेहतर स्वास्थ्य व जीवन, यूएन को आप भी बताइये अपना मुद्दा

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र की ओर से तय किये गए 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल में भारत के लिए क्या जरुरी मुद्दे जो अभी तक भारतीयों के मन में चल रहे है उसका खाका फलाना दिखाना टीम के हाथ लग गया है। आपको हम बता दे की यह रुझान अभी तक यूएन की ओर से सार्वजनिक नहीं किये गए है परन्तु यूएन की तरफ से कार्य कर रहे दिल्ली विश्विधालय के एक छात्र ने यह हमसे साझा किया है।

इस सर्वे में लगभग 56 प्रतिशत पुरुष व 44 प्रतिशत महिलाओ ने हिस्सा लिया है। सर्वे इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्यूंकि यूएन के इन्ही आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए वर्ल्ड बैंक व अन्य अंतर्राष्ट्रीय एजेन्सिया भारत को मदद मुहैया कराएंगी व सरकार भी इन्ही आंकड़ों को ध्यान में रख कर आगे की योजनाएँ विस्तारित करेगी।

अभी तक मिले आंकड़ों के अनुसार भारत में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण मुद्दा बेहतर स्वास्थ्य व बेहतर जीवन यापन को बताया गया है जोकि यूएन के एसडीजी गोल 3 का हिस्सा है, जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने आयुष्मान भारत व पोषण जैसी योजनाएँ चलाई है तो यह सर्वे  अपने आप में कितना महत्त्वपूर्ण है इसका अंदाजा आप लगा ही सकते है।वही यूएन के लिए कार्य कर रहे छात्र ने हमें बताया की यूएन के डाटा बेस को देखने और उनके लिए कार्य करने पर मुझे महसूस हुआ की यह संस्था कितनी महत्त्वपूर्ण व ताकतवर है जिसकी वजह से दुनिया भर में लोगो के जीवन स्तर में भारी सुधार आया है।



जिसके बाद दूसरा महत्त्वपूर्ण मुद्दा क्वालिटी एजुकेशन यानी की अच्छी व गुणवत्ता से भरी शिक्षा को बताया गया है जिसको लेकर सबसे अधिक चिंता युवाओ ने जताई है। स्वच्छ पीने के पानी व शौचालय को भारतीयों ने तीसरा अहम मुद्दा माना है जिसे लेकर मोदी सरकार पहले से कार्य कर रही है।

आप भी अपना मत यूएन तक पंहुचा सकते जिससे आप सीधे पहली बार योजनाएँ निर्धारित करने में भारत सरकार की मदद कर सकते है। इन मुद्दों पर वोट देने के लिए यूएन की वेबसाइट Myworld2030.org पर जाकर या इस टेक्स्ट पर क्लिक करके दे सकते है। भारत के विकास में साझेदार बने व बेहतर भारत बनाने में सरकार का सहयोग जरूर दे , वोट जरूर करे !

सर्वे में आये अन्य रुझानों के मुताबिक :
4)गरीबी
5)लिंग भेदभाव
6)भुखमरी
7)क्लाइमेट एक्शन
8)शान्ति व न्याय
9)धरती पर जीवन
10)बेहतर रोजगार व मजबूत अर्थव्यवस्था

 

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