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‘भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए आरक्षण नहीं काबिलियत की जरूरत है’- सुधीर चौधरी

नई दिल्ली : आरक्षण पर वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी ने कई अहम बातें उठाई हैं।

सुप्रीम कोर्ट के तमिलनाडु के NEET में OBC आरक्षण के फैसले जिसमें कोर्ट ने कहा कि आरक्षण का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है इस विषय को लेकर अब सोशल मीडिया सहित TV चैनलों पर आरक्षण की बहस उठ गई है ।

वहीं आरक्षण विषय को लेकर देश के जाने-माने पत्रकार व जी न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी ने अपने कार्यक्रम डीएनए में बेहतरीन विश्लेषण किया।

सुधीर चौधरी ने आरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर बात की और इसके राजनीतिक लाभ उठाने वाले सभी पार्टियों को भी उन्होंने पूरी तरह से एक्सपोज किया। आरक्षण पर सुधीर चौधरी ने कहा कि किसी मुद्दे पर देश की पार्टियां एक नहीं होती चाहे वह करोना हो चाहे चीन मामला हो या पाकिस्तान का मामला हो लेकिन आरक्षण यह ऐसा विषय है जिस पर सारी पार्टियां एक हो जाती हैं जिसका उदाहरण उन्होंने तमिलनाडु के आरक्षण वाले केस पर दिया।

उन्होंने कहा कि “आजादी के बाद 10 वर्षों तक आरक्षण दिया गया था जिसे बढ़ाकर 70 वर्षों तक किया गया। आरक्षण राजनीतिक अधिकार बन चुका है लोगों को ऐसा लगता है कि यह तो मिलेगा ही यह तो हमारा संवैधानिक अधिकार है। लोगों ने आरक्षण को अधिकार से ज्यादा राजनीतिक हथियार बना लिया है। कोई पार्टी इसमें बोलने की हिम्मत नहीं करती कोई विरोध नहीं करता। हर 5 साल में पार्टियां चुनाव जीतने के लिए इसका इस्तेमाल करती हैं। कोई विरोध करे तो उसे दलित पिछड़ों का विरोधी बता देती हैं।”

सुधीर नें कहा कि “जो आरक्षण धीरे-धीरे खत्म हो जाना चाहिए वह आज 70 वर्षों के बाद भी लागू है। जाति के नाम पर आरक्षण लेना आजकल फैशन बन गया है। कभी आपने सुना है कि किसी ने योग्यता की बात की हो।

उन्होंने आर्थिक आरक्षण का समर्थन करते हुए कहा कि “जाति नहीं बल्कि आर्थिक आरक्षण होना चाहिए। कई पिछड़ी जाति के लोग भी हैं जो सम्पन्न हैं पर आरक्षण अभी भी लेते हैं। किसी भी देश को बढ़ने के लिए आरक्षण नहीं बल्कि काबिलियत की जरूरत होती है।”

आगे उन्होंने सरकारों को आरक्षण पर सुझाव भी दिया कहा कि भारत में सभी सरकारों को एक सूची बनाना चाहिए कि 5 साल में कितने जातियों को आरक्षण से हटाया गया न कि कितने को जोड़ा गया आरक्षण के लिए।

अंत में उन्होंने आत्मनिर्भर भारत को लेकर भी आरक्षण की बाध्यता बताई। उन्होंने चीन जैसे देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि “भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए आरक्षण नहीं काबिलियत की जरूरत है।”


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Why Shivendra Tiwari is writing this piece?
Shivendra Tiwari is a student of journalism at the University of Delhi. Shivendra comes from a very remote village of Riwa situated in Madhya Pradesh. Shivendra’s knowledge about regional and rural politics defines his excellence over the subject. Apart from FD, he writes for ‘Academics 4 Namo’ and ‘Academics for Nation’ to express the clear picture of right-wing in the rural areas. Moreover, Tiwari Ji is from a science background and had scored more than 95% in his intermediate exams!

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