दुराचार

बंगाल में BJP नेता मनीष शुक्ला की हत्या, ममता UP में उठा रही थीं कानून व्यवस्था पर सवाल !

कोलकाता (बंगाल): ममता बनर्जी के राज्य में एक और भाजपा नेता की हत्या से बवाल मच गया है।

बंगाल में राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पार्षद मनीष शुक्ला की रविवार को उत्तर 24 परगना के टीटागढ़ में कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई।

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने टीएमसी पर शुक्ला की हत्या का आरोप लगाया और मामले की सीबीआई जांच की मांग की। ANI रिपोर्ट के मुताबिक अब इस मामले के बाद बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने टीटागढ़ में पार्षद मनीष शुक्ला की नृशंस हत्या के लिए “बिगड़ती कानून व्यवस्था” के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और आज (सोमवार) के लिए डीजीपी को तलब किया है।

भाजपा राज्य इकाई ने एक ट्वीट में कहा, “बंगाल अब उस जगह में बदल दिया जा रहा है जहां हत्याओं को सामान्य कर दिया जाता है। टीटागढ़ के बीजेपी पार्षद मनीष शुक्ला को टीएमसी गुंडों ने गोली मारी थी। हत्याओं की ये श्रृंखला स्पष्ट रूप से आपके अपरिहार्य अंत टीएमसी की ओर इशारा करती है।”

पश्चिम बंगाल के लिए भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक, कैलाश विजयवर्गीय ने मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की मांग की। विजयवर्गीय ने एक ट्वीट में कहा, “बीजेपी कार्यकर्ता मनीष शुक्ला को टीटागढ़ पुलिस स्टेशन (उत्तर 24 परगना जिले में) के सामने गोली मार दी गई है। इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।”

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस घटना को टीएमसी का “राजनीतिक आतंकवाद” कहा। घोष ने कहा, “बीजेपी के युवा नेता, वकील और पूर्व पार्षद मनीष शुक्ला की भयावह हत्या निंदनीय है। यह टीएमसी के तहत पश्चिम बंगाल की खूनी राजनीति का एक उदाहरण है। क्या इस राज्य सरकार से किसी न्याय की उम्मीद की जा सकती है? टीएमसी के राजनीतिकरणवाद ?”

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने एक ट्वीट में कहा, “मनीष मेरा छोटा भाई था, हमेशा मेरी ढाल बनकर मेरे साथ खड़ा रहा। आज वह बंगाल, बैरकपुर और बंगाल की धरती के लिए शहीद हुआ है। इस बलिदान को टीएमसी, उसके नेता और पुलिस याद रखेंगे। क्या सभी को इस गलती और कुकर्मों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।”


Donate to Falana DIkhana: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’

                                                        

इससे सम्बंधित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button