‘साहेब किसी काम का नहीं रहा’: राजस्थान में हमले में घायल पुजारी के फूटे आँसू, भिक्षा से काटते थे जीवन, पत्नी मानसिक रोगी
सवाईमाधोपुर: राजस्थान में मंदिर के पुजारियों पर हो रहे हमले और अत्याचार के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं।
राज्य के सवाईमाधोपुर जिले के गंगापुर क्षेत्र में कुछ दिन पहले हुए जानलेवा हमले में घायल मंदिर के पुजारी रघुनंदन शर्मा की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई हैं।
मंदिर के पुजारी पर जानलेवा हमला
सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर क्षेत्र में हरिजन युवक विक्रम द्वारा किए गए जानलेवा हमले में घायल मंदिर के पुजारी रघुनंदन शर्मा की हालत अभी भी नाजुक हैं। जयपुर के SMS अस्पताल में पुजारी रघुनंदन शर्मा का इलाज चल रहा हैं।
आरोपी युवक विक्रम हरिजन ने रास्ते में जा रहे पुजारी जी को रोक कर उन पर हमला कर दिया आरोपी ने पुजारी के साथ मारपीट के बाद अपनी बंदूक के पिछले हिस्से से उनके सिर पर वार किया और एक गोली उनके पैर में मारकर भाग निकला। पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही में हमलावर आरोपी विक्रम हरिजन को गिरफ्तार कर पुजारी को सुरक्षा मुहैया कराई जा रही हैं।
पुजारी से बातचीत में हुआ खुलासा
हमारी टीम ने जमीनी स्तर पर जांच पड़ताल शुरु की और पुजारी रघुनंदन शर्मा से बात की तो पता चला कि आखिर पूरा मामला है क्या? और उन पर ये जानलेवा हमला क्यों हुआ।
पुजारी रघुनंदन शर्मा ने हमें बताया कि गाँव के ही सरपंच द्वारा बनाये गए हनुमान मंदिर पर वह पूजा करते हैं। रोज की तरह ही पूजा के बाद गाँव के सरपंच अमरसिंह के निमंत्रण पर उनके घर जा रहे थे तभी विक्रम हरिजन ने उन्हें रोक कर उन पर हमला कर दिया।
जब पुजारी से पूछा गया कि क्या आपकी और आरोपी की आपस में कोई पुरानी रंजिश रही होगी तो पुजारी जी ने बताया कि उनकी आरोपी से कोई जान पहचान नही थी और न ही कोई आपसी मतभेद था। पुजारी का कहना है कि वह बच तो गए लेकिन वह अब किसी काम के नही रहें पूरे परिवार वालो का भार उनके ही ऊपर था।
बात करते करते पुजारी रो भी पड़े, उन्होंने कहा “साहब मैं तो किसी काम का तो रहा नहीं, पैर टूट गया साहब। अब जब पैर ठीक हो जाए तभी तो कुछ होगा।”
गाँव के सरपंच से बातचीत
जब हमारी बात गाँव के सरपंच अमरसिंह से हुई तो उन्होंने हमे बताया कि पुजारी जी बहुत ही गरीब परिवारों में से हैं। परिवार में उनकी पत्नी और चार बच्चे हैं पुजारी जी की पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नही हैं जैसे तैसे वह अपना और अपने परिवार जीवन यापन करते हैं।
दी गई भिक्षा से चलती है परिवार की रोजीरोटी
सरपंच ने बताया कि पुजारी रघुनंदन शर्मा गाँव के ही हनुमान मंदिर में सुबह-शाम पूजा पाठ करते हैं और मेरे द्वारा किए गए आग्रह पर मेरे यहां भोजन के लिए आते थे। सरपंच जी ने बताया कि पुजारी जी की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है वह मंदिरों में पूजा पाठ करके और लोगों द्वारा दिए गए भिक्षा के दान से ही अपना और अपने परिवारजनों का भरण पोषण करते आ रहें हैं।