नईदिल्ली : एंकर चित्रा त्रिपाठी नें कहा आरक्षण की वजह से मेरिट को न ख़त्म करो !
आरक्षण को लेकर एक बार फ़िर सियासी महकमा चौकन्ना दिखने लगा है । मोहन भागवत की आरक्षण पर छोटी सी टिप्पणी करने के बाद आरक्षण के लिए लड़ रहे नेताओं में अचानक खलबली सी मच गई ।
वहीं पत्रकारिता जगत के कुछ लोगों ने भी आरक्षण की बहस को लेकर मोर्चा खोल दिया । आजतक की महिला पत्रकार व प्रसिद्ध एंकर चित्रा त्रिपाठी इस कड़ी में सबसे आगे दिखीं ।
उन्होंने आरक्षण की बहस को जरूरी बताया उसके बाद RJD की पूरी टीम भड़की भी और उन्हें ट्रोल करने की कोशिश की लेकिन यूज़र्स चित्रा के पक्ष में दिखे उल्टाट्रोल करने वाले RJD नेताओं से चित्रा की बहस को बेफिजूल बताया और कहा इनकी तो ख़ुद की कोई सुनता नहीं है लोकसभा में ज़मीन खिसक गई है ।
इधर लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान भी आरक्षण को लेकर दलित राजनीति को चमकाने में जुट गए जोकि ख़ुद 11 बार आरक्षित सीट से चुनाव लड़ चुके हैं । और उनके बेटे चिराग पासवान भी 2 बार आरक्षित सीट से ही चुनाव लड़े हैं ।
आरक्षण की चर्चा को लेकर रामविलास पासवान ने कहा कि “आरक्षण पर किसी तरह का कोई विचार करने की कोई आवश्यकता नहीं है। विपक्ष ने लोकसभा के चुनाव में भी आरक्षण को मुद्दा बनाने की कोशिश की थी लेकिन उसका परिणाम उल्टा निकला।”
इसके जवाब में एंकर चित्रा त्रिपाठी ने कहा कि “आरक्षण पर विचार हो या ना हो, मगर चर्चा भी ना हो ? ये तो गलत है…! आरक्षण पर चर्चा कर समीक्षा होनी चाहिये कि जिस मकसद से आरक्षण दिया गया उसमें कितनी कामयाबी मिली है ? अगर नहीं मिली है तो कौन लोग जिम्मेदार हैं ? इसमें सामाजिक प्रतिष्ठा और आर्थिक स्थिति का खाका भी होना चाहिये ।”
इसके बाद पासवान ने कहा कि “आरक्षण संवैधानिक अधिकार है और यह अधिकार महात्मा गांधी और बाबा साहेब अंबेडकर के बीच हुए पूना पैक्ट का नतीजा है।
“प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने बार बार कहा है कि दुनिया की कोई ताकत आरक्षण को खत्म नहीं कर सकती है।”
इसके बाद चित्रा नें आरक्षण की बहस को मेरिट से जोड़ते हुए कहा कि “आरक्षण खत्म मत कीजिये, मगर देश की प्रतिभा के साथ खिलवाड़ भी मत करें…! जो गरीब हैं, हर तरह की छूआछूत का शिकार वही है ! वो हिंदू-मुसलमान कोई भी हो सकता है । बाबा साहब ने आरक्षण की समय सीमा निर्धारित की थी ।उन्हें पता नहीं होगा कि राजनीति की बलि चढ़ने लगेगा उनका फैसला !