दलित प्रधानपति को जिन्दा जलाने में ऊँची जाति के फसाये गए 5 आरोपी, लोग कह रहे है दूसरा हाथरस
अमेठी: स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी स्थित मुंशीगंज कोतवाली क्षेत्र के बंदोईया गांव में कैसे दलित प्रधान पति की हत्या में 5 ऊँची जाति के लोगो को फसाया गया है उसपर हमने पूरी रिपोर्ट पहले ही प्रकाशित कर दी थी।
मामले को दलित उत्पीड़न बताते हुए कई मीडिया संस्थानों ने निर्दोषो को जेल भेजने में बड़ी भूमिका निभाई है। हाथरस केस को सर्वप्रथम सुलझाने वाली हमारी टीम ने अमेठी केस को भी गंभीरता से लेते हुए इसकी एक एक बारीकियों को देखा व परख सच खोद निकाला है।
दरअसल जिनके परिसर में प्रधानपति अर्जुन कोरी जी को आग लगाने की बाते कही जा रही है वहां घर के एंट्री व एग्जिट दोनों पॉइंट्स पर CCTV लगे हुए है।
CCTV में आरोपी बनाये गए 15 वर्षीय आशुतोष शाम करीब 4 30 बजे घर में दाखिल होते दिख रहा है। वहीं कृष्ण कुमार शाम 7 बजे घर में दाखिल होते दिख रहे है जिसके बाद वह दोनों घर से बाहर नहीं निकले थे।
वहीं परिसर में बने हाते में प्रधानपति के आग लगाने की बात हमने अपनी पिछली रिपोर्ट में बताई थी।
अब सवाल यह उठता है कि जो कृष्ण कुमार अपने घर की चार दीवारी में थे जिसकी पुष्टि CCTV से हुई है तो उनको व उनके पुत्र को पुलिस ने किस दबाव में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं एक अन्य आरोपी बनाये गए राजेश मिश्रा के निमंत्रण में जाने की भी पुष्टि हुई थी।
भ्रष्टाचार के मामले से बचने का एक ही उपाय था शिकायतकर्ताओं को दलित उत्पीड़न में फ़साना लेकिन लेकिन पड़ गया उल्टा
भ्रष्टाचार में बुरी तरह घिर चुके प्रधानपति के पास बचने का ही उपाय था कि वह शिकायकर्ताओं को दलित उत्पीड़न में फसा दें जिसके लिए संभवतः उन्होंने कृष्ण कुमार के हाथे में कूद कर खुद के कपड़े को थोड़ा सा जला कर उनको फ़साने की सोची थी। जिसके लिए बाकायदा प्रधानपति के गायब होने की अफवाहे उड़ाई गई थी।
ज्ञात होकि प्रधानपति का सारा कार्य देखने वाले रामबाबू व अजय भी भ्रष्टाचार से अर्जित पैसा खाते थे। वहीं शिकायत होने पर जाँच कमिटी गठित होने पर इन्होने प्रधानपति को बेहद डरा दिया था। जिससे प्रधानपति हमेशा परेशान रहा करते थे।
जिस कारण पुरे षड्यंत्र के साथ उन्होंने सभी को फ़साने की सोची जोकि अधिक आग पकड़ लेने से उल्टा पड़ गया। वहीं परिसर में लगे CCTV ने दो आरोपियों के घटना से कई घंटो पहले ही चार दीवारी में रहने की पुष्टि करी थी।
लगातार सवर्णो को फसाये जाने के सिलसिले से जिले के लोगो में उबाल है। सभी जातियों के लोगो ने एक जुट होकर निर्दोषो को फसाये जाने पर अपना दुःख प्रकट किया है। जिसके कारण गाँव के बड़े बूढ़े इस मामले को दूसरे हाथरस केस के तौर पर देख रहे है।
नोट: इस मामले में CCTV फुटेज व अन्य जरुरी साक्ष्य को हम दूसरी रिपोर्ट में प्रकाशित करेंगे। जिसमे अधिक जानकारी के साथ कुछ रोचक तथ्य को भी पाठको तक पहुंचाया जायेगा। कृपया पल पल की अपडेट पाने के लिए हमारे ट्वीटर अकाउंट को फॉलो करें।
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