अमित शाह पर क्या सच में लग जायेगा अमरीकी प्रतिबन्ध, समझिये पेंच
USCIRF एक सरकारी अमेरिकी संस्थान है जो दुनिया भर में धर्म की आजादी को बनाये रखने का कार्य करती है । यह संस्था सीधे तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति, उनकी संसद व सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट को रिपोर्ट करती है
वाशिंटन(एजेंसी): भारत में बीते हफ्ते से चल रहा सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। कल ही लोकसभा में 311 मतों से पास हुए कैब बिल पर अब अमेरिका का भी पक्ष देखने को मिला है। अमेरिका की सरकारी एजेंसी यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने एक आधिकारिक नोटिस जारी कर इसको दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
USCIRF ने अपने नोटिस में लिखा कि “कमीशन कल गृह मंत्री द्वारा पेश किये गए नागरिकता बिल से बेहत परेशान है यह बिल धर्म के नाम नागरिकता देने की बात करता है”।
आगे संस्था गृह मंत्री अमित शाह पर सेंक्शन यानी कि कई प्रकार के प्रतिबन्ध लगाने के सुझाव भी अपनी सरकार को दे रहा है। अमेरिकी सरकारी संसथान ने आगे लिखा “अगर बिल राज्यसभा से भी पास होकर अगर कानून का रूप ले लेता है तो ट्रम्प सरकार को अमित शाह सहित अन्य अधिकारियो पर प्रतिबन्ध लगाने चाहिए”।
USCIRF is deeply troubled by the passage of the Citizenship (Amendment) Bill (CAB) in the Lok Sabha. The CAB enshrines a pathway to citizenship for immigrants that specifically excludes Muslims, setting a legal criterion for citizenship based on religion.https://t.co/E8DafI6HBH
— USCIRF (@USCIRF) December 9, 2019
कौन है USCIRF
USCIRF एक सरकारी अमेरिकी संस्थान है जो दुनिया भर में धर्म की आजादी को बनाये रखने का कार्य करती है । यह संस्था सीधे तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति, उनकी संसद व सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट को रिपोर्ट करती है। आपको बता दे कि इसके अधिकारियो को प्रेजिडेंट खुद सीधे नियुक्त करते है।
क्या तो लग सकता है अमित शाह पर सैंक्शन?
जानकारों कि माने तो यह संस्था सिर्फ अमेरिकी सरकार को सुझाव दे सकती है जिसपर विचार प्रेजिडेंट को करना होता है। भारत ने कड़े शब्दों में इसे बिना सर पैर का बयान करार दिया है साथ ही अमेरिकी सरकार को अपने स्टैंड से अवगत करा दिया है।
वही ट्रम्प के पुराने फैसलों का अध्यन करे तो यह संभव है कि वह अमित शाह पर सैंक्शन लगाए। यह हम इसलिए भी कह रहे क्यूंकि उन्होंने सैंक्शन लगाने में अपने कार्यकाल में खूब इंटरेस्ट लिया है बल्कि वह सबसे ज्यादा सैंक्शन दागने वाले अमेरिकी प्रेजिडेंट भी बन चुके है। अमेरिकी संस्था गिब्सन डन की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प साहब पिछले वर्ष 2018 में तक़रीबन 1500 सैंक्शन लगा चुके है तो यह कहना गलत नहीं होगा की वह सैंक्शन लगाने में जरा भी नहीं हिचकिचाते है।
परन्तु उनके मुस्लिम विरोधी रैवैये और बिल को सही से समझे बिना दिए गए USCIRF के सुझाव को देखते हुए यह सम्भावना कम ही है कि अमित शाह पर प्रतिबन्ध लगे। फिर भी अमरीकी पोलिटिकल पंडित उन्हें अनप्रिडिक्टेबल का ख़िताब देते आये है इसलिए कुछ कहना जल्दबाजी ही होगी
बात कि जाये अगर USCIRF के महत्त्व की तो इसे बिलकुल भी हलके में लेना एक भूल हो सकती है। इससे पहले बीते 3 दिसम्बर को उइगर मुसलमानो को लेकर अमेरिकी संसद ने Uighur Human Rights Policy Act 2019 बिल को पास करके कई चीनी उच्च अधिकारियो पर सैंक्शन लगाए है। बार बार यह संस्था अमेरिकी सरकार को चीन के अधिकारियो पर प्रतिबन्ध के सुझाव सरकार को दे चूका था जिसके बाद अमेरिका इतना बड़ा कदम उठाया है।
वही विदेश मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में सरकार ने इसे बिना सर पैर की सुचना बताया है। सरकार ने कहा कि संस्था को पहले पूर्ण रूप से यह बिल पढ़ लेना चाहिए फिर कुछ बोलना चाहिए था। साथ ही सरकार ने कहा कि हमें संस्था के नोटिस से बिलकुल अचम्भा नहीं हुआ है क्यूंकि वह पहले भी इन्ही सब तरह से एक तरफ़ा फैसले लेता आया है।
We regret the inaccurate and unwarranted comments made by USCIRF on #CAB. They have chosen to be guided by their prejudices and biases on a matter on which they have little knowledge and no locus standi.
Read our full statement below ⬇️ pic.twitter.com/BLajy03MtZ
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) December 10, 2019
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