बीते दिनों जब पूरा देश अपने सबसे लोकप्रिय नेता व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मृत्यु से शोक सभा कर रहा था तब एक खबर इसके उलट भी देखने को मिली। तो ये खबर पता है कौन सी थी नहीं पता है न तो हम बताएंगे चिंता कि क्या बात है इसमें तो बात ये थी कि अटल जी के मृत्यु के उपरांत औरंगाबाद में शोक सभा को लेकर प्रस्ताव रखा गया पर ये बात एमआईएम के एक नेता को नहीं भाई तो उन्होंने इसका विरोध किया और फिर क्या बीजेपी वाले पार्षदों नें नेता जी की जमकर पिटाई की और तो और उसमें महिलाओं नें भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया बाद में किसी तरह पुलिस नें नेता को पिटाई वाले स्थान से निकाला। बांकि का काम पुलिस के हांथों है कि वह क्या करती है और किन किन पर कार्रवाई की जाएगी।
तभी बोलो जब वो मौन से बेहतर हो
महात्मा गाँधी
सत्य एक हज़ार तरीको से कहा जा सकता है, फिर भी हर एक सच हो सकता है!
विवेकानंद