बिहार : एससी एसटी में हेडमास्टर को झूठा फ़साने पर शिक्षिका को गवानी पड़ी नौकरी
लेट आने पर जब शिक्षिका को टोका गया तो आवेश में आकर शिक्षिका ने हेडमास्टर पर एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया था ।
बिहार(बेगूसराय) : एससी एसटी एक्ट पर आये दिन हो रहे बवाल के बीच एक और भौहे सिकोड़ने को मजबूर कर देने वाली खबर आ रही है।
मामला बिहार के बेगूसराय का बताया जा रहा है जहाँ की एक शिक्षिका ने अपने प्रधानाध्यापक पर एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था ।
दरअसल एक दलित शिक्षिका जिनका नाम अनीता कुमारी बताया जा रहा है वह मध्य विद्यालय मटिहानी छौड़ाही में पढ़ाती थी, एक दिन किसी बात को लेकर उनकी प्रधानाध्यापक के साथ कहा सुनी हो गयी जिसके बाद गुस्से में शिक्षिका ने प्रधानाध्यापक पर एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करवाया था।
जिसके बाद मामले की छान बीन प्रथम स्तर पर डीएसपी स्तर पर हुई जिसमे मामला प्रथम दृष्टया में फर्जी पाया गया था वही मामले में कुछ कमी देखते हुए एसपी ने इसकी जांच को खुद अपने हाथो में ले लिया परन्तु उनकी जांच में भी यह मुकदमा फर्जी पाया गया था।
वही जिसके बाद डीपीओ स्थापना द्वारा शिक्षिका की सेवा समाप्त करने के लिए छौड़ाही के प्रखंड विकास पदाधिकारी को आदेश दिया गया है।
नाम न छापने की शर्त पर हमें एक शिक्षिका ने बताया की अनिता कुमारी का घर बेगूसराय शहर के बाघा में है, जिसके कारण उसे लंबी दूरी तय कर स्कूल आना पड़ता था।
लेट-लतीफी को लेकर अक्सर हेडमास्टर से उनकी कहा सुनी हो जाती थी। इसी कड़ी में जुलाई 2017 को एक बार फिर लेट आने पर जब उसे टोका गया तो आवेश में आकर शिक्षिका ने हेडमास्टर पर एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया था ।
एससी एसटी एक्ट पर कई सवर्ण संगठन पहले ही इन दिनों सरकार से मुँह फुलाए बैठे है, उनका कहना है की एससी एसटी एक्ट का बेजा इस्तेमाल होता आया है जिसपर सरकार का मानना है की अभी भी दलितों पर अत्याचार हो रहे है जिसके लिए इस एक्ट का बने रहना आवश्यक है।
आपको हम बताते चले की हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट कर एससी एसटी एक्ट को पहले जैसा कर दिया गया था।