हिंदू छात्र की गोली मारकर हत्या, अशफल, शाहनजीम, अकरम सहित 5 पर FIR, गांव में भारी तनाव
मेरठ: उत्तरप्रदेश के मेरठ जिले के पलड़ा गाँव में बीते दिन रविवार को एक 24 वर्षीय हिन्दू युवक विशू की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने शव का दाह संस्कार करने के बाद सोमवार को हत्यारोपियों के घरों पर आगजनी करते हुए पथराव कर दिया। जिसकी जानकारी लगते ही कई थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई, वहीं पुलिस ने इस पूरे मामले में कार्रवाई करते हुए छह नामजद और दो अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया हैं और अशफल, शाहनजीम, अकरम सहित चार लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला?
आपको बता दे कि जिले के हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के पलड़ा गांव निवासी 24 वर्षीय विशू जो मवाना में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। वह बीते दिन रविवार शाम को 5 बजे गाँव के ही प्राथमिक विद्यालय के पास एक दीवार पर अपने चचेरे भाई मनीष के साथ बैठा हुआ था कि तभी दो अज्ञात बाइक सवार युवकों ने पीछे से विशू पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिसमें वह गंभीर घायल हो गया और दीवार से नीचे गिर गया था। जिसके बाद उसे गंभीर हालत में मवाना सीएचसी ले जाया गया, जहां डाॅक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया था। जिसके बाद घटना से गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने मवाना-हस्तिनापुर रोड पर शव को रखकर जाम लगा दिया था।
जिसकी जानकारी लगते ही एसएसपी रोहित सजवाण, एसपी देहात कमलेश बहादुर, एसपी क्राइम समेत कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। आईजी नचिकेता झा भी देर रात गांव में पहुंच गए और घटना की जानकारी ली। साथ ही साथ उन्होंने थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों की लापरवाही पर जांच के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद पांच घंटे के लंबे अंतराल और उचित कार्रवाई के आश्वासन के बाद जाम खोला गया।
पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये और नौकरी की मांग
वहीं इस पूरी घटना के बाद ग्रामीणों द्वारा मृतक विशू के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, एक करोड़ रुपये मुआवजा और आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई की मांग की गई हैं। इतना ही नहीं ग्रामीणों का आरोप है कि पलड़ा गांव में दो समुदाय के बीच पहले से ही विवाद चल रहा है और पिछले एक महीने की घटनाओं पर नजर डाली जाए तो गांव में मार्च के महीने में दो बार बड़े विवाद हो चुकें थे, जिसमें दर्जनों लोग घायल भी हो गए थे।
आपको बता दे कि आठ मार्च को होली के दिन भी रास्ते में बुग्गी को लेकर गाँव के दोनों पक्षों में विवाद हो गया था। इसके बाद 29 मार्च को एक बार फिर दोनों पक्षों में टकराव हो गया था। जिसके बाद भी पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया, जिसका खामियाजा विशु को अपनी जान देकर भुगतना पड़ा है।