झारखंड – एससी एसटी एक्ट में दर्ज प्राथमिकी के विरोध में अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन, न्यायिक काम काज रहा बंद
जमशेदपुर – मामला बिरसानगर क्षेत्र का बताया जा रहा है, जहां एक दलित महिला ने न्यायलय के अधिवक्ताओं पर कथित रूप से मारपीट और गाली गलौज करने का आरोप लगाते हुए थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई हैं।
अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन
देश में हर रोज एससी एसटी एक्ट में कई प्राथमिकी दर्ज कराई जाती है, लेकिन उनमें से कुछ सही तो कुछ झूठी ही दर्ज करा दी जाती हैं। हमें प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा ही एक मामला बिरसानगर थाने से सामने आया है, जहां एक दलित महिला पूजा दास ने जमशेदपुर बार एसोसिएशन के वर्तमान सचिव अनिल कुमार तिवारी, विजेंद्र सिंह, विराट सिंह, पुष्प समेत अन्य पर कथित तौर पर गाली गलौज और मारपीट करने का आरोप लगाते हुए बिरसानगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई हैं।
वही अधिवक्ताओं पर प्राथमिकी दर्ज होने पर बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश देखा गया। बार एसोसिएशन के सचिव अनिल कुमार तिवारी ने कहा कि बिना जांच-पड़ताल के पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस को मामले की सच्चाई जाननी चाहिए थी। किसी के विरुद्ध कोई भी शिकायत लिखकर दे और प्राथमिकी दर्ज हो जाएं, यह गलत है।
न्यायलय परिसर में अधिवक्ताओं के विरोध प्रदर्शन के चलते न्यायिक काम काज पूरी तरह से बंद रहा, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
क्या था मामला?
दरअसल महिला पूजा दास ने 22 फरवरी को दो अधिवक्ताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए सीतारामडेरा थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी, महिला ने आरोप लगाते हुए बताया कि उसी केस की सुनवाई के लिए वह न्यायालय में परिसर में गई थी, जहां कुछ अधिवक्ताओं ने उसके साथ जातिसूचक गाली गलौज करते हुए न्यायालय से बाहर निकलवा दिया था।