कश्मीरी पंडितों के लिए सरकार की पहल, कब्जाई गई संपत्ति को वापस दिलाने के लिए शुरू किया पोर्टल
श्रीनगर: कश्मीर प्रवासियों की अचल संपत्तियों से संबंधित शिकायतों के समयबद्ध निवारण के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पोर्टल शुरू किया है।
केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को एक ऑनलाइन पोर्टल jkmigrantrelief.nic.in लॉन्च किया। जिन प्रवासियों की संपत्तियों का अतिक्रमण किया गया था या उन्हें 1990 के दशक में संकट में बेचने के लिए मजबूर किया गया था, वे शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
एलजी के मुताबिक यह पहल हिंदुओं, सिखों और मुसलमानों सहित प्रवासियों की दुर्दशा को समाप्त कर देगी, जो 1990 के दशक से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि मैं पिछले 13 महीनों में विभिन्न धर्मों के कई प्रतिनिधिमंडलों से मिला और उन्होंने स्पष्ट रूप से प्रवासियों की वापसी का समर्थन किया।
उन्होंने आगे कहा कि अतीत की गलतियों को सुधारना वर्तमान की जिम्मेदारी है। उज्ज्वल भविष्य की नींव रखने के साथ-साथ पुराने घावों को भरने का भी यही समय है। मैं सभी नागरिकों से अनुरोध करता हूं कि इस प्रयास में प्रशासन का समर्थन करें और भाईचारे की नई मिसाल कायम करें।
एलजी ने बताया कि पोर्टल के ट्रायल रन अवधि के दौरान उन्हें 854 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि बड़ी संख्या में प्रवासी परिवार न्याय की प्रतीक्षा कर रहे थे। अब, शिकायतों पर समयबद्ध कार्रवाई न केवल व्यवस्था में लोगों के विश्वास को बहाल करेगी, बल्कि मेरा मानना है कि हजारों परिवार, न्याय प्राप्त करेंगे और अपनी गरिमा फिर से हासिल करेंगे।
अंत में उपराज्यपाल ने कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्शों का पालन करते हुए, हम जम्मू कश्मीर में सामाजिक समानता और सद्भाव के लिए व्यापक और रचनात्मक कार्यक्रमों को लागू करने का प्रयास कर रहे हैं।