वाराणसी में “शिवमंदिर” के बाहर “फूलन देवी की प्रतिमा” रखने का हुआ प्रयास, मौके पर पहुची पुलिस ने हटवाई मूर्ति
वाराणसी: वाराणसी के रामनगर थाना क्षेत्र के सूजाबाद पुलिस चौकी के समीप पानी टंकी के पास वृहस्पतिवार, 22 जुलाई को प्राचीन शिव मंदिर के जगह पर पूर्व सांसद “दस्यु फूलन देवी” की मूर्ति रखने को लेकर क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। मामले की जानकारी होने पर मौके पर पहुची पुलिस ने विवाद को संभाला और फूलन देवी की मूर्ति को जब्त कर लिया। मूर्ति रखने वालो में बिहार की सियासी पार्टी वीआईपी के कार्यकर्ता बताये जा रहे है।
पुलिस का दावा है कि कार्यकर्ताओं ने अपनी गलती की लिखित सूचना भी दी है और अनुमति प्राप्त कर कार्यक्रम का आश्वासन दिया है। फूलन देवी की प्रतिमा को बिना अनुमति ही वाराणसी के सूजाबाद में स्थापित करने पर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और पुलिस के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई।
दरअसल मामला वृहस्पतिवार का है जब सूजापुर में कुछ लोगो द्वारा पानी टंकी के पास शिव मन्दिर की ज़मीन पर दस्यु सरगना फूलन देवी की मूर्ति रखने का प्रयास कर रहे थे। जिसे देखकर ग्रामीणों ने आपत्ति दर्ज की। देखते देखते मौके पर भीड़ इकठ्ठा हो गई और भीड़ दो पक्षों में तब्दील हो गई। इस भीड़ में एक पक्ष जो बिहार की राजनैतिक पार्टी का समर्थक था वह फूलन देवी की मूर्ति स्थापना करना चाहता था। वहीं दूसरा पक्ष इसका विरोध कर रहा था। विवाद की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुचे सूजाबाद चौकी इंचार्ज ने प्रकरण की जानकारी उच्चाधिकारियों को दिया। जिसके बाद थाना प्रभारी रामनगर दल बल के साथ मौके पर पहुँच गए।
प्रकरण की जानकारी होने पर एसीपी कोतवाली प्रवीण सिंह दल बल के साथ मौके पर पहचे और मामले में उन्होंने हस्तक्षेप करके मूर्ति को हटवाया। मौके पर किसी प्रकार के तनाव की स्थिति न हो इसके लिए भारी संख्या में पुलिस बल और पीएसी के जवानो की तैनाती कर दिया गया है।
मामले में एसीपी कोतवाली प्रवीण सिंह ने बताया कि बिहार की एक राजनैतिक पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं के द्वारा यहाँ “फूलन देवी” की मूर्ति रखने का प्रयास किया गया था। स्थिति को संभाल लिया गया है। मौके पर अहतियात के तौर पर पुलिस बल की तैनाती कर दिया गया है। मूर्ति को हटवा दिया गया है। स्थिति अब सामान्य है।
शिव मंदिर के सामने मूर्ति स्थापित करने को लेकर है विवाद
पूरा मामला शिव मंदिर के सामने फूलन देवी की मूर्ति स्थापना को लेकर है। ग्रामीणों का सारा विरोध इसी बात को लेकर है कि शिव मंदिर के सामने ही मूर्ति की स्थापना क्यों की जा रही है? एसीपी कोतवाली प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि बिना अनुमति सार्वजनिक स्थल पर प्रतिमा स्थापित करने की शिकायत पर पुलिस ने रोका है। ऐसा करने वालों ने लिखित माफीनामा देकर गलती स्वीकार की है। पुलिस ने चेतावनी देकर विधिक कार्रवाई नहीं की है।
ग्रामीणों से बात करने पर पुलिस ने रोका
आरोप है कि जब पत्रकारों ने ग्रामीणों से बात करने का प्रयास किया तो मौके पर मौजूद कुछ पुलिस कर्मियों ने ग्रामीणों से बात करने से मीडिया कर्मियों को रोक दिया। मीडिया कर्मियों का कहना था कि पुलिस चाहती थी कि जो बयान है हमसे समझे। वही कुछ मीडिया कर्मियों ने इस मामले में पुलिस द्वारा रोके जाने पर भी मामले में ग्रामीणों से बातचीत किया। ग्रामीणों का एतराज़ इस बात पर निकल कर सामने आया कि मंदिर की संपत्ति पर मूर्ति क्यों रखा जा रहा है ? यदि कोई किसी को व्यक्तिगत रूप से अपना आदर्श मानता है और उसकी मूर्ति स्थापित करना चाहता है तो वह मूर्ति अपनी संपत्ति पर स्थापित करे न कि किसी सार्वजानिक जगह अथवा किसी अन्य की संपत्ति पर।
बिहार के एक मंत्री ने किया था मूर्ति लगाने की घोषणा पर क्यों नहीं जागी थी पुलिस ?
21 जुलाई को बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) ने इस बात की घोषणा दिया था कि 25 जुलाई को वह बिहार एवं उत्तरप्रदेश में फूलन देवी का शहादत दिवस मनाने की तैयारी के क्रम में उत्तर प्रदेश के 18 प्रमंडलों में फूलन देवी की 18 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करेगे। यह जानकारी वीआइपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पशुपालन विभाग के मंत्री मुकेश सहनी ने मीडिया से बात करते हुवे दिया था और एक लिस्ट भी जारी किया था। इस लिस्ट में वाराणसी जनपद का भी ज़िक्र था। जिसमे 17वे क्रम पर वाराणसी का ज़िक्र था और इसके लिए बाकायदा जिम्मेदारो का नाम और नंबर भी दिया गया था। इस लिस्ट में प्रतिमा स्थापना का स्थान सुजबाद भी दर्शाया गया था। जिम्मेदारो में डॉ अमित चौधरी, बनारसी निषाद, इंजिनियर अमित कुमार और हरिशंकर का नाम भी था। राजनैतिक सोच से देखे तो यह पूरी कवायद यूपी चुनाव को देखते हुए की जा रही है। मुकेश सहानी हाल में ही यूपी का दौरा कर लौटे हैं और उनकी निगाह निषाद (मल्लाह) समुदाय के वोटों पर टिकी हुई है।
पुलिस ने मूर्ति को जब्त कर लिया है। सूजाबाद में अभी स्थिति सामान्य है, शान्ति व्यवस्था को कायम रखने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है।
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