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जबरन अतिक्रमण और धर्मांतरण के दबाव से पलायन को मजबूर अल्पसंख्यक हिंदू परिवार

चन्दौली: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के धानापुर थाना के बभनियाव रायपुर गांव में हिन्दू परिवार पलायन को मजबूर है। गांव में रहने वाले हिंदू परिवारों ने अपने मकान पर “यह मकान बिकाऊ है” लिख रखा है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि उन्हें बुरी तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। जिससे तंग आकर आज वे अपना मकान बेच पलायन करने को मजबूर है।

मामले की पड़ताल करने नियोपॉलिटीको की टीम पीड़ित के गांव बभनियाव पहुंची। जहाँ पीड़ित शिवपूजन दुबे के घर पर बड़े-बड़े अक्षरों में “यह मकान बिकाऊ है” लिखा हुआ है। पीड़ित शिवपूजन दुबे पुरोहित का कार्य करते है। उनका बेटा हरिनारायण दुबे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से लॉ की पढाई कर रहा है। गाँव में हिन्दू आबादी अल्पसंख्यक है जिसमे 4-5 ब्राह्मण परिवार निवास करते है। जबकि दूसरे समुदाय के लोग बहुसंख्यक और धन बल से शक्तिशाली हैं।

पीड़ितों के घर पर लिखा “हिन्दू धर्म नहीं छोडूंगा”

जब हमने पीड़ित परिवार से पूछा कि मकान पर घर बिकाऊ है का स्लोगन क्यों लिख रखा है। इस पर भरी आँखों से पीड़ित परिवार ने जबाव दिया कि हमारे पास केवल दो विकल्प हैं या तो हम इस्लाम कुबूल कर लें या अपना घर छोड़कर कहीं और चले जाएं। हमारी अस्मिता व धर्म की रक्षा के लिए हमें कोई और विकल्प नहीं दिख रहा है। पुरोहित का कार्य करने वाले शिव पूजन ने कहा कि वे जिंदगी भर धर्म के कार्यों में जुटे रहे आज उन्हें ही धर्मांतरण के लिए जबरन मजबूर किया जा रहा है।

पीड़ित परिवार से जब हमने पूछा कि उन्हें किस प्रकार से प्रताड़ित किया जाता है और पूरा मामला क्या है। तब पीड़ित शिवपूजन दूबे ने बताया कि उनकी निजी जमीन पर जबरन मस्जिद का निर्माण कराया जा रहा है। जिसपर पुलिस व ग्राम प्रधान ने यह सुलह करवाया की जिस जमीन पर मस्जिद की दीवार खड़ी हो गई है उसे मस्जिद के लिए छोड़ कर शेष जमीन पर अपना निर्माण कर ले। आज जब मै अपनी 20 कड़ी जमीन को मस्जिद के नाम पर त्यागकर शेष जमीन पर निर्माण करना चाहता हूँ तो ऐसा नहीं करने दिया जा रहा है।

आए दिन दूसरे समुदाय के लोग मेरे दरवाजे पर आकर मुझसे गाली-गलौज करते है और जान से मारने की धमकी भी देते है। ये भी कहते है कि अगर तुम लोग सही से रहना चाहते हो तो इस्लाम क़ुबूल कर लो नहीं तो गांव छोड़ कर चले जाओ। दूसरे समुदाय के लोग बहुत ही दबंग और धन बल से संपन्न है। जबकि पीड़ित परिवार किसी तरह से अपना गुजारा करता है।

गौरतलब है कि पीड़ित ने अपने जमीन की पैमाइश कराई तो पाया गया कि निर्माणाधीन मस्जिद का बड़ा हिस्सा पीड़ित की जमीन में बनाया जा रहा है तथा शेष जमीन पर भी कब्जा किया जा रहा है। पीड़ित शिवपूजन की पत्नी ने हमें बताया कि दूसरे समुदाय के लोगों द्वारा कहा जाता है कि तुम घर पर अकेले रहती हो किसी के बहकावे में आकर हमसे टकराने की कोशिश मत करो तुम्हारी सहायता के लिए योगी आदित्यनाथ नहीं आएंगे। ऐसे में उन्हें अपनी सुरक्षा का कोई और रास्ता नजर नहीं आ रहा है।

प्रशासन और प्रधान से मदद न मिलने के बाद पीड़ित परिवार ने युवा संघर्ष मोर्चा से सहायता मांगी। जिसपर युवा संघर्ष मोर्चा की टीम मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। मामले में विरोध व्यक्त करते हुए मोर्चा के सदस्यों ने सर मुंडन कराकर पिंडदान दिया। मोर्चा के सदस्यों ने कहा कि बभनियाव में हिन्दू समाज अल्पसंख्यक है और दूसरे समुदाय के लोग बहुसंख्यक होने के नाते मनमानी करते हैं, दूसरे पक्ष के लोगों को राजनैतिक संरक्षण भी प्राप्त है, अतः हम संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ता ऐसे हिंदू परिवार के न्याय की लड़ाई लड़ेंगे। हमें प्रदेश की योगी सरकार पर पूरा भरोसा है कि वे असहाय हिन्दू परिवार के साथ हो रहे अन्याय का संज्ञान लेते हुए इनकी रक्षा करेंगे।

मामले में न्याय की गुहार लगाते हुए शिवपूजन ने 24 जून को थाने में एक शिकायत पात्र सौंपकर एफआईआर दर्ज़ करने की मांग की। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि दूसरे समुदाय के लोग दबंग और प्रभावशाली है जिनके इशारे पर उनकी एफआईआर नहीं दर्ज़ की जा रही है।

आज जब प्रदेश की योगी सरकार धर्मांतरण के बड़े गिरोह का भंडाफोड़ कर उमर गौतम पर कार्रवाई में लगी हुई है। वहीं दूसरी तरफ चंदौली जिले के इस पीड़ित परिवार को जबरन धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस परिवार की आवाज सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है। अपनी धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति की रक्षा की लड़ाई लड़ रहा यह परिवार सीएम योगी से न्याय की गुहार लगा रहा है।

पुलिस झाड़ रही है पल्ला

जबकि धानापुर के थानाध्यक्ष इसे राजस्व विभाग से संबंधित मामला बता रहे हैं। साथ ही किसी भी प्रकार का निर्माण न होने की बात कर रहे हैं जबकि पीड़ित ने अपनी जमीन पर हुए अवैध निर्माण की तस्वीरें साझा कर प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाए हैं। पीड़ित परिवार ने यह भी आरोप लगाया है की उन पर प्रशासनिक और राजनीतिक रूप से धमकाकर दबाव बनाया जा रहा है।


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