रामसेतु को घोषित किया जाए राष्ट्रीय धरोहर, हरिद्वार में VHP की बैठक में उठी माँग
हरिद्वार: आज विश्व हिन्दू परिषद की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल (उपवेशन) की बैठक अखण्ड परमधाम आश्रम हरिद्वार में आयोजित की गयी जिसमें कई निर्णय लिए गए हैं।
इस उपवेशन की प्रस्तावना विहिप के महामंत्री मिलिन्द परांडे ने रखते हुए कहा –
1. रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए।
2. देश के सभी मठ – मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से बाहर किया जाए।
3. देश की एकता अखण्डता को खतरा पैदा करने वाली धर्मांतरण एवं सामाजिक विद्वेष उत्पन्न् करने वाले विषयों पर चर्चा कर समाधान करने का प्रयास किया जाए।
4. मद्रास हाईकोर्ट द्वारा पलनीय के कार्तिकेय मंदिर के संदर्भ में लिए गए निर्णय कि भक्तों का ट्रस्ट बनाकर मंदिर में पूजा – अर्चना की जाएगी एवं उत्तर प्रदेश के उच्च न्यायालय के द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर के परिसर में उत्खनन के आदेश का स्वागत किया गया।
उपवेशन में उपस्थित समस्त संतजनों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के द्वारा मंदिरों का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए। इस विषय पर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। साथ ही निर्णय लिया गया कि अधिग्रहित मंदिरों का सरकारी नियंत्रण समाप्त होना चाहिए। इसके लिये जनजागरण का अभियान चलाने का संकल्प भी लिया गया।
उपवेशन में उपस्थित उत्तराखण्ड सरकार के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चार धाम देव स्थानम् बोर्ड विधेयक के विषय में संत समाज को आश्वासन देते हुए कहा कि इस विषय पर विचार किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने कुंभ क्षेत्र को मांस – मदिरा मुक्त करने की घोषणा के साथ ही कुंभ के लिए संतों को होने वाली भूमि आवंटन की स्थाई डिजिटल व्यवस्था की भी घोषणा की। जो संतजनों का आदेश होगा उसका पालन होगा। उपवेशन में लव जिहाद और धर्मांतरण पर व्यापक चर्चा की गयी।
अयोध्या में निर्माणाधीन भगवान श्रीराम के मंदिर की प्रगति एवं वर्तमान स्थिति के बारे में तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री एवं विहिप के केन्द्रीय उपाध्यक्ष चम्पत राय ने जानकारी दी तथा श्रीराम मंदिर समर्पण निधि अभियान के विषय में केन्द्रीय संगठन मंत्री विनायक राव देशपांडे ने भी विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की।
स्वामी हरिचेतनानंद ने देश की ज्वलंत समस्या लव जिहाद पर आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि यह विधर्मियों की सोची समझी साजिश है जिसके खिलाफ केन्द्र सरकार प्रभावी कानून बनाए। शादाणी दरबार के नवम् पीठाधीश्वर डॉ युधिष्ठर लाल ने संत समाज से आग्रह करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने आने वाले हिन्दुओं का भारत में शरण मिलनी चाहिए वहां हिन्दुओं की जा दुर्दशा हो रही है व हिन्दुत्व के ही नहीं वह मानवता के लिए भी चिंता का विषय है।
कई संतगणों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मंदिरों का अधिग्रहण समाप्त हो, देश की भूमि पर बढ़ती जा रही अवैध कब्रगाहों, मजारों पर प्रतिबंध लगे, देश में मठ – मंदिरों पर सरकारी टैक्सों को समाप्त किया जाए। गौ, गंगा की रक्षा के लिए निरंतर कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया जाए।
दूसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने सीएम तीरथ सिंह रावत देव स्थानम् बोर्ड में जोड़े गये 51 नये मंदिरों को इससे मुक्त करने साथ ही बोर्ड की समीक्षा के आश्वासन पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण में प्रसन्नता व्यक्त की।