सोशल डब्बा

चंद्रशेखर ने एक बार फिर ‘आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं’ पर फैलाई फर्जी खबर, SC वकील ने किया खंडन

नई दिल्ली: आरक्षण को लेकर एक बार फिर से भीम आर्मी चीफ ने सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाने के बहाने फर्जी खबर ही शेयर कर डाली है। यह दो दिनों में दूसरा ऐसा वाकया है जब चंद्रशेखर ने अपने स्वार्थ के लिए फर्जी खबर शेयर कर लोगो को भ्रम में डाला है।

चंद्रशेकर ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनी जा रही नीट पर आई एक याचिका पर जज एल नागेश्वरा राव के एक प्रश्न को तोड़ मरोड़ के लोगो के सामने पेश किया। उन्होंने उस मीडिया संस्थान को शेयर करना सही समझा जो खुद गलत वजहों से ऐसी गलती कर बैठे।

पुरे केस को समझे बिना ही चंद्रशेखर ने बड़ी फुर्ती दिखाते हुए जज साहब को सविधान का ज्ञान दे डाला। इतनी फुर्ती से इनका जौनपुर स्थित हरिजन बस्ती पर हुए हमले पर बयान नहीं आ सका है।

चनद्रशेखर ने ट्वीटर पर लिखा “आरक्षण का प्रावधान संविधान के भाग 03 में दिया गया है, हेडिंग- मौलिक अधिकार। अब सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। सरासर संविधान की अवहेलना! यह कोलेजियम सिस्टम का दुष्परिणाम है। कोलेजियम सिस्टम खत्म किया जाए।”

वही सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत उमराव ने जानकारी देते हुए बताया कि “जस्टिस राव ने नीट पर आई एक याचिका की सुनवाई के दौरान पूछा था “आरक्षण का मौलिक अधिकार क्या है”? जिसपर मीडिया ने खबरों में चला दिया कि आरक्षण मौलिक आधार नहीं है।

वहीं यह पर्यवेक्षण लिखित आर्डर में भी लिख कर नहीं आया है।

अब सरल शब्दों में कहे तो सुप्रीम कोर्ट ने कहीं भी यह नहीं कहा है कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है जिसपर फटाफट गूगल कर दलित नेता चंद्रशेखर जी ने जज साहब को यह प्रावधान संविधान के भाग 03 में बता दिया था।

दो दिन में फैला चुके है दो फर्जी खबरे
लॉक डाउन में लड़ाने लायक खबरे मिलने का ऐसा सूखा पड़ गया है कि सभी दलित नेता मिलकर फर्जी खबरे दौड़ा रहे है। कल हमने भीम आर्मी के चंद्रशेखर की तरफ से किये गए फर्जी लखनऊ पीजीआई केस का भांडा फोड़ा था तो आज फिर इनके फर्जी खबरे देने की कलई खुल गई।

इससे पहले अन्य दलित नेता दिलीप मंडल व उमर खालिद द्वारा मंदिर में दलित के घुसने पर सवर्णो द्वारा गोली मारने की फर्जी खबरों की सच्चाई भी हमने दिखाई थी।

इस मुद्दे पर भी दिलीप मंडल ने तो ओवर रिएक्शन की सभी हदे तोड़ डाली। उन्होंने चंद्रशेखर के ट्वीट को रीट्वीट कर ऐसा सुझाव दे डाला जो पचने लायक ही नहीं है। दिलीप मंडल ने लिखा “केंद्र सरकार अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले को निरस्त करे।” अब चलिए आप सब हँसते रहिये !!!


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Why Aarushi Kapoor is writing this piece?

Aarushi Kapoor is a student of journalism at the University of Delhi. She has a very keen interest in National politics and a knack over liberals and left-oriented politics. Moreover, She loves right because right is always right!

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