पंजाब: 4 बार के कांग्रेस MLA गुरमीत सोढ़ी BJP में शामिल, कहा- कांग्रेस नेतृत्व पंजाब को नष्ट करने पर अमादा है
नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस में अंतर्कलह रुकने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे व वर्तमान विधायक राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी अब भाजपा में शामिल हो गए हैं।
पंजाब में गुरु हर सहाय से विधायक राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी सोमवार को नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में केंद्रीय मंत्रियों गजेंद्र सिंह शेखावत और भूपेंद्र यादव की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए।
मीडिया की संबोधित करते हुए राणा ने कहा, ”मैंने पंजाब के हित में यह फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पंजाब को बचा सकते हैं।”
“कांग्रेस ने राज्य की सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव को दांव पर लगा दिया है। कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष छवि अब पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। कांग्रेस में यह अंदरूनी कलह पंजाब में खतरनाक स्थिति पैदा कर रही है।”
उन्होंने कहा कि पंजाब और पंजाबियत के लिए काम करने की मेरी प्रतिबद्धता का सम्मान करने के लिए भाजपा में शामिल हो रहा हूँ।
भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की।
बता दें कि आज ही पूर्व कैबिनेट मंत्री राणा ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दिया था जिसे उन्होंने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा था। इस पत्र में उन्होंने कहा कि, “मैं पिछले चार दशकों से अधिक समय से कांग्रेस पार्टी में हूं। मुझे हमारे प्रसिद्ध नेता स्वर्गीय राजीव गांधी ने 1985 में जिला फिरोजपुर के गुरुहरसहाय विधानसभा क्षेत्र से पंजाब राज्य विधानसभा के लिए अपना पहला चुनाव लड़ने के लिए चुना था।”
“मैं हमेशा से पार्टी का एक कट्टर कार्यकर्ता रहा हूं। मैंने 2002 से अब तक लगातार चार बार गुरुहरसहाय निर्वाचन क्षेत्र से पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता है। पंजाब कांग्रेस पार्टी के भीतर कलह और कलह से मैं बहुत आहत हूं। इससे पार्टी को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही राज्य और सरकार के लिए भी गंभीर समस्या पैदा हो रही है।”
उन्होंने आगे कहा कि, “मैं वर्तमान स्थिति में घुटन और असहाय महसूस करता हूं, खासकर जब पार्टी ने राज्य की सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव को दांव पर लगा दिया है। पंजाब में शांति बहाल करने के लिए कार्रवाई करने के बजाय, वरिष्ठ कांग्रेस नेतृत्व अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए सीमावर्ती राज्य को नष्ट करने पर आमादा है।”
अंत में उन्होंने कहा, “वर्तमान स्थिति से क्षुब्ध होकर मैंने कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे दिया।”