108 वर्षीय साधू ने राम मंदिर को दिया 2.5 लाख का दान, नाभि तक थी नर्मदा की बाढ़ फिर भी नहीं छोड़ा था तप
खरगोन: धर्म नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए बीते मकर संक्रांति के पावन पर्व से श्री राम मंदिर निधि समर्पण अभियान देशभर में चलाया जा रहा है।
इसके तहत विश्व हिंदू परिषद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं भाजपा के कार्यकर्ता घर-घर जाकर श्री राम मंदिर के लिए धन एकत्रित कर रहे हैं। इस अभियान के तहत कुछ प्रेरणादाई तस्वीरें भी देखने को मिल रही है जिसका एक नजारा मध्यप्रदेश के खरगोन में नर्मदा के तट पर रहने वाले प्रसिद्ध 108 वर्षीय सियाराम बाबा के समर्पण के दौरान भी दिखा।
राम काज के लिए सियाराम पर्णशाला भट्टाणबुजुर्ग, संत सियाराम बाबा भट्टाण के द्वारा, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र समर्पण अभियान में 2,50,000 का समर्पण किया गया।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला बड़वाह जिला कार्यवाह विवेक भटोरे इस पुनीत कार्य के साक्षी बने।
बताते हैं कि सियाराम बाबा खुद किसी से 10 रुपये से ज्यादा का चढ़ावा स्वीकार नहीं करते पर जब अयोध्या राम मंदिर निर्माण की बारी आई तो दस दस रुपये के ढाई लाख रुपये दिए। निमाड़ नर्मदा मइया के किनारे रहने वाले पूज्य सियाराम बाबा ने अपने 10-10 रुपये की आई भेट को राम मंदिर निर्माण में समर्पित कर दिया।
10 साल की खड़ेश्वरी सिद्धि की:
भक्त बतातेे हैं मौसम कोई भी हो बाबा केवल एक लंगोट पहनते हैं। उन्होंने 10 साल तक खड़ेश्वरी सिद्धी की है। इसमें तपस्वी सोने, जागने सहित हर काम खड़े रहकर ही करते हैं। खड़ेश्वरी साधना के दौरान नर्मदा में बाढ़ आई। पानी बाबा की नाभि तक पहुंच गया, लेकिन वे अपनी जगह से नहीं हटे।
विदेशी भक्त पहुंचते हैं:
बाबा के दर्शन के लिए विदेश से भी अनुयायी पहुंचते हैं। भक्तों के मुताबिक अर्जेंटीना व ऑस्ट्रिया से कुछ विदेशी लोग आ चुके हैं। और उसी समय जब उन्होंने बाबा को 500 रुपए भेंट में दिए। संत ने 10 रुपए प्रसादी के रखकर बाकी लौटा दिए। वे भी आश्चर्यचकित थे।