पूर्वी पाकिस्तान से आए 63 हिंदू परिवारों का पुनर्वास करेगी योगी सरकार, कानपुर में भूमि आवंटित
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कहा है कि उनकी सरकार 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से भारत आए 63 हिंदू बंगाली परिवारों का पुनर्वास करेगी। सरकार ने कानपुर में कृषि कार्य और आवास के लिए इन परिवारों को 121 हेक्टेयर भूमि आवंटित करने का भी निर्णय लिया है।
बुधवार 10 नवम्बर को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित 63 हिन्दू बंगाली परिवारों के लिए ग्राम भैंसाया, तहसील रसूलाबाद, जनपद कानपुर देहात में पुनर्वास विभाग के नाम उपलब्ध 121.41 हेक्टेयर भूमि पर प्रस्तावित पुनर्वासन योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित योजना इस प्रकार है –
(1) कृषि कार्य हेतु प्रति परिवार भूमि आवंटन – 2.00 एकड़
(2) आवास हेतु भूमि प्रति परिवार – 200 वर्ग मीटर
(3) आवास निर्माण हेतु प्रति परिवार – 1.20 लाख रुपए (मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत)
(4) भूमि सुधार व सिंचाई सुविधा – आवश्यतानुसार मनरेगा योजना के अन्तर्गत क्रियान्वित किया जाएगा ।
यह 2.00 एकड़ एवं 200 वर्ग मीटर भूमि 1 रुपए की लीज रेण्ट पर प्रथम 30 वर्ष के लिए पट्टे पर दी जाएगी। यह पट्टा अधिकतम दो बार 30-30 वर्ष के नवीनीकरण के साथ अधिकतम 90 वर्ष तक के लिए रिन्यु किया जाएगा।
सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक पूर्वी पाकिस्तान से वर्ष 1970 में विस्थापित परिवारों के पुनर्वासन के लिए व्यवस्था की गई थी। यह पुनर्वासन The Displaced Persons (Claims) Act , 1950 & The Displaced Persons (Compensation and Rehabilitation) Act 1954 के प्रावधानों के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा 332 परिवारों को सहायता देकर उड़ीसा एवं बदायूं में आवासीय एवं कृषि भूमि उपलब्ध कराकर पुनर्वासित किया गया था।
अवशेष 65 हिन्दू बंगाली परिवारों को मदन सूत मिल, हस्तिनापुर जनपद मेरठ में नौकरी देकर पुनर्वासित किया गया था। इस मिल के दिनांक 08 अगस्त, 1984 को बन्द हो जाने के कारण 65 परिवारों, जिसमें 02 परिवारों के सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है। अतः 63 परिवार पुनर्वासन हेतु प्रतीक्षित हैं।