ग्राउंड रिपोर्ट: रायबरेली के दलित किसान ने बताया बिचौलियें समाप्ति को महाकाल का वरदान, किसान बिल पर दिखे सहमत
किसान कानूनों पर चल रहे विवाद के बीच हमने उत्तर प्रदेश के किसानो से सरकार की मंशा व किसान कानूनों पर उनकी राय जानने का प्रयास किया है। जहां दो खेमो में बटी मीडिया अपने अपने अजेंडे के मुताबिक किसान बिल को पेश कर दिखा रही तो वहीं हमने जमीनी हकीकत जानने के लिए सोनिया गाँधी का संसदीय क्षेत्र रायबरेली चुना है। जहां एक बेहद ही गरीब व छोटे दलित किसान ने हमें इस बिल पर अपनी राय बता अपने दुःख व सुख साझा किये है।
किसान बिल के क्रम में जानकारी के लिये हमारी टीम नें राही विकास खण्ड के अनुसूचित जाति के किसान श्री शिवपाल पासी से बात की जो अपने पिता की खेती करतें है, जोकि चकलोदी पुर ग्राम पंचायत से हैं।
बात चीत के क्रम में शिवपाल जी नें बताया कि सरकार का कृषि बिल पूर्णतः तो सहमत योग्य नही है लेकिन पहले के कानूनों से एक बेहतर कदम जरूर है। उन्होंने जोर देते हुए आगे बताया कि प्राइवेटाईजेशन तो ठीक है, लेकिन वैयक्तिक किया जाना गलत है। शिवपाल जी ने हमें कई ऐसे पॉइंट गिनाये जोकि किसानो की नजर में संदेह की नजर से देखे जा रहे है। बात करने से साफ़ था कि शिवपाल को बिल की काफी हद तक समझ परख थी। उन्होंने बटाई वाले किसानो पर प्रश्न पूछने पर झट से बताया कि मोदी द्वारा लिये गये सारे निर्णय कृषि से सन्दर्भित स्वागत योग्य हैं लेकिन बटाई पर लगान किसान खेत मालिक पर लगाया जाना गलत है। उन्होंने इस पर असहमति जाहिर कर हमसे कई बार इसका जिक्र करते हुए इसे गलत बताया।
उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से किसान जो दूसरी जगहों पर रहकर बटाई खेती देकर काम चलाते थे उनको प्राप्त फसल पर सरकार के टैक्स का निर्णय गलत है। जिसपर उन्होंने सरकार से पुनः विचार का भरोसा भी जताया है।
“बिचौलियों की व्यवस्था समाप्ति एक साहसिक निर्णय है “
खरीद बिक्री के बीच में बिचौलियों को बाहर का रास्ता दिखाने वाले बिल को शिवपाल ने एक अभूतपूर्व कदम बताया है। उन्होंने कहा कि बिचौलियें उन जैसे किसानो को गलत दाम बता व मांग की कमी बता कर अकसर कम दाम पर फसल खरीद ले जाते है जिससे वह मोटी कमाई करते है। ऐसे में बिचौलियें के रोल को ख़त्म करने से शिवपाल ने ख़ुशी जाहिर करी है। उन्होंने इसे महाकाल का वरदान तक बता डाला।
आनलाईन कृषि उत्पाद बिक्री हेतु लिया गया निर्णय भी कृषकों के लिये वरदान साबित होगा
कृषि उत्पाद की ऑनलाइन बिक्री पर भी शिवपाल ने ख़ुशी जाहिर कर इसे किसानो के लिए एक अहम कदम बताया है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन बिक्री से काफी पारदर्शिता व सहूलियत होगी। साथ ही शिवपाल ने बताया कि अब यह दौरा है कि सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है लेकिन सरकारें कभी भी किसानो को पिछड़ा बनाये रखने के लिए ऑनलाइन को बढ़ावा नहीं देती है। हालाँकि ऑनलाइन क्लासेज व सहूलियत पर जोर देने की भी जरुरत है।
आरक्षण को देने के तरीके पर उठाये सवाल
शिवपाल इण्टरमीडिएट हैं, जब हमनें आरक्षण पर चर्चा की तो उन्होंनें कहा आरक्षण की सोंच तो सही है लेकिन लागू करनें का तरीका गलत है। हमने जब तरीके के क्रम में जानकारी चाही तो उन्होनें कहा आरक्षण कब, क्यों, कब तक व किसको देने की व्यवस्था नही लागू की जाती तब तक यह व्यवस्था केवल पूँजीपति को और पूँजीपती बनाये जानें का तिकड़म मात्र है।
उन्होंने साथ ही दलित नेताओ पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि राम विलास पासवान ही क्यों मंत्री बनें मैं भी पासी बिरादर से हूँ मेरे बाप विधायक क्या प्रधान भी नही बन पाये। नौकरी के क्रम में चर्चा करनें पर बताया भईया पैसा गुरु बाकी सब बेकार नौकरी घूस के बिना नही मिली।
प्रधानमंत्री की और कल्याणकारी योजनाओं पर जानकारी व बेहतरी पर सुझाव चाहे तो शिवपाल नें कहा प्रधानमंत्री जी की आवास योजना सबसे कल्याणकारी है। आपको बता दें शिवपाल भी लाभार्थियो में से एक है।