अंतरराष्ट्रीय संबंध

चीनी राष्ट्रपति पार्टी CPC के नेताओं पर वीजा प्रतिबंध लगाने के लिए US संसद में बिल पेश !

वाशिंगटन (USA) : अमरीकी संसद में चीनी राष्ट्रपति के पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के लिए बिल आ चुका है।

चीन को हर देश से मुसीबत झेलनी पड़ रही है। हाल में भारत की सीमा पर ऐंठने पर उसको 43 सैनिक गंवाने पड़े वहीं अब अमरीकी संसद में चीनी राष्ट्रपति की पार्टी को अमरीका में बैन करने के लिए बिल लाया गया है।

दरअसल अमेरिका की सत्ताधारी पार्टी रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य रेसचेंथेलर नें अमरीका की संसद हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में एक कानून पेश किया है जो चीनी राष्ट्रपति सी जिंग पी की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के सदस्यों को ग्रीन कार्ड लेने में प्रतिबंध लगा देगा।

Us Lawmaker G Reschenthaler with Prez Trump

बता दें कि जैसे भारत में आने व रहने के लिए वीजा व पासपोर्ट की जरूरत होती है ठीक उसी प्रकार से अमरीकी में इस दस्तावेज को ग्रीन कॉर्ड कहा जाता है। और ग्रीन कार्ड किसी व्यक्ति को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने की अनुमति देता है।

अब बात करें अमरीकी संसद के उपर्युक्त बिल की तो चीनी राष्ट्रपति की पार्टी CPC पर इस US सांसद नें कई अनैतिक कामों में शामिल होने के आरोप लगाए हैं। वैश्विक मंच पर आक्रामक और लापरवाह व्यवहार, अमेरिकी बौद्धिक संपदा चोरी करना, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानूनों का उल्लंघन करना, जघन्य मानवाधिकारों का हनन करना, और हाल ही में कोरोना संकट में जानकारी को साझा करने में असफल होना जैसे मुद्दे शामिल हैं।

Republican Member Reschenthaler in US Congress

15 जून के एक बयान में रेशेन्थेलर ने कहा “यह स्पष्ट है कि सीसीपी के सदस्य हमारे अमेरिकी आदर्शों और मूल्यों को पालन नहीं करते। हमें उन्हें एक अमेरिकी नागरिक होने के साथ आने वाले सभी विशेषाधिकारों के उपयोग करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।”

इसी बिल में अमरीकी सांसद नें देश के नागरिकता यानी राष्ट्रीयता अधिनियम (INA) मेंं संशोधन करने की मांग रखी है।

China & Pak Nation Head Together

सांसद ने कहा कि INA में भी अनधिकृत प्रावधान हैं जो ऐसे पार्टी सदस्यता वाले लोगों को अप्रवासी वीजा प्रदान करने से रोकते हैं। लेकिन इस तरह के नियमों की भाषा स्पष्ट रूप से यह नहीं बताती है कि कौन सी कम्युनिस्ट पार्टी है।

लिहाजा डॉनल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के सदस्य नें संसद में प्रस्ताव रखा, जिसका नाम है चीनी कम्युनिस्ट नागरिकता अधिनियम है। जोकि “चीनी कम्युनिस्ट पार्टी या उसके सदस्यता वाले व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए नई भाषावली को जोड़कर INA के प्रावधानों को संशोधित करेगा।”

इस तरह से रेसेन्थेलर का बिल चीनी राष्ट्रपति पार्टी के लिए मुश्किल बनकर आ गया है। अब देखना है कि दुनिया भर में अपने हथकंडों से संकट पैदा करने वाले चीन पर अमरीकी संसद किस प्रकार से बिल को आगे बढ़ाती है।


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Why Shivendra Tiwari is writing this piece?
Shivendra Tiwari is a student of journalism at the University of Delhi. Shivendra comes from a very remote village of Rewa situated in Madhya Pradesh. Shivendra’s knowledge about regional and rural politics defines his excellence over the subject. Apart from FD, he writes for ‘Academics 4 Namo’ and ‘Academics for Nation’ to express the clear picture of right-wing in the rural areas. Moreover, Tiwari Ji is from a science background and had scored more than 95% in his intermediate exams!

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