अंतरराष्ट्रीय संबंध

भारत में चीनी कंपनियों के बैन के बाद अमेरिका ने चीनी सेना पर ठोका वीज़ा बैन !

वाशिंगटन (US): भारत में चीनी कंपनियों के बाद US ने चीनी सेना व पार्टी के सदस्यों पर बैन लगाया है।

विवादित दक्षिण चीन सागर के सैन्यीकरण के लिए जिम्मेदार शी जिनपिंग शासन और चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सदस्यों पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा अमेरिका ने चीनी राष्ट्रपति की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों पर उनके अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।

माना जा रहा है कि अमेरिका ने ये प्रतिबंध लगाकर चीनी सरकार के साथ अपने संबंध भी तोड़ दिए हैं। यूएसएसआर के टूटने और शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में यह एक प्रमुख घटनाक्रम है जिसका अभूतपूर्व प्रभाव पड़ेगा।

CPC सदस्यों को ग्रीन कार्ड लेने में प्रतिबंध लगाने की हुई थी माँग:

बता दें कि जैसे भारत में आने व रहने के लिए वीजा व पासपोर्ट की जरूरत होती है ठीक उसी प्रकार से अमरीकी में इस दस्तावेज को ग्रीन कॉर्ड कहा जाता है। और ग्रीन कार्ड किसी व्यक्ति को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने की अनुमति देता है।

अब बात करें अमरीकी संसद के उपर्युक्त बिल की तो चीनी राष्ट्रपति की पार्टी CPC पर इस US सांसद नें जून 2020 में कई अनैतिक कामों में शामिल होने के आरोप लगाए थे। वैश्विक मंच पर आक्रामक और लापरवाह व्यवहार, अमेरिकी बौद्धिक संपदा चोरी करना, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानूनों का उल्लंघन करना, जघन्य मानवाधिकारों का हनन करना, और हाल ही में कोरोना संकट में जानकारी को साझा करने में असफल होना जैसे मुद्दे शामिल हैं।

Republican Member Reschenthaler in US Congress

CCP सदस्य हमारे मूल्यों को नहीं मानते: 

15 जून के एक बयान में रेशेन्थेलर ने कहा था “यह स्पष्ट है कि सीसीपी के सदस्य हमारे अमेरिकी आदर्शों और मूल्यों को पालन नहीं करते। हमें उन्हें एक अमेरिकी नागरिक होने के साथ आने वाले सभी विशेषाधिकारों के उपयोग करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।”

इसी बिल में अमरीकी सांसद नें देश के नागरिकता यानी राष्ट्रीयता अधिनियम (INA) मेंं संशोधन करने की मांग रखी थी।

China & Pak Nation Head Together

सांसद ने कहा था कि INA में भी अनधिकृत प्रावधान हैं जो ऐसे पार्टी सदस्यता वाले लोगों को अप्रवासी वीजा प्रदान करने से रोकते हैं। लेकिन इस तरह के नियमों की भाषा स्पष्ट रूप से यह नहीं बताती है कि कौन सी कम्युनिस्ट पार्टी है।

लिहाजा डॉनल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के सदस्य नें संसद में प्रस्ताव रखा था, जिसका नाम है चीनी कम्युनिस्ट नागरिकता अधिनियम है। जोकि “चीनी कम्युनिस्ट पार्टी या उसके सदस्यता वाले व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए नई भाषावली को जोड़कर INA के प्रावधानों को संशोधित करेगा।”


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