जनजातीय समुदाय के लोगों ने भरी हुंकार, कहा धर्मांतरण करने वालों को न मिले आदिवासी कोटे का लाभ
भोपाल- मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज आदिवासी समुदाय के हजारों लोगों ने धर्म परिवर्तन करने वालों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है, जनजातीय समुदाय के लोगों का कहना है कि आदिवासी कोटे का लाभ लेकर धर्म परिवर्तन करने वालों और आदिवासी परंपराओं-पूजा पद्धतियों से मुंह फेरने वालों को आदिवासी सूची से बाहर अथवा डी- लिस्टिंग किये जाने की मांग की हैं।
जनजातीय समुदाय की गर्जना रैली
आपको बता दे कि भोपाल में आज जनजातीय सुरक्षा मंच के नेतृत्व में गर्जना रैली का आयोजन किया गया, जिसमें जनजाति सुरक्षा मंच के प्रदेश संयोजक कैलाश निनामा ने कहा कि डी-लिस्टिंग एक मार्मिक विषय है, यह केवल आरक्षण से जुड़ा हुआ विषय नहीं है। यह जनजातीय समाज के स्वाभिमान और जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और अस्तित्व की चिंता से जुड़ा हुआ विषय है। यह जनजाति समुदाय ही नहीं बल्कि मूल सनातन की अग्रिम पंक्ति में रहने वाले समाज का विषय है।
जनजाति सुरक्षा मंच के पदाधिकारियों का कहना है कि जो लोग आदिवासी समाज की मूल पहचान प्रकृति को छोड़कर चले गए है, वह जनजातीय समाज की रुढ़ी परंपराओं को नहीं मानते हैं और आदिवासी अधिकारों और परंपराओं पर अतिक्रमण करते हैं। इन्हें डी-लिस्टिंग करने की मांग इसलिए की जा रहीं है, क्योंकि वे अभी भी आदिवासियों को मिलने वाले लाभ का फायदा उठा रहे है और जिसके चलते आदिवासी समुदाय पीछे छूट रहा हैं।
इतना ही नहीं जनजातीय सुरक्षा मंच के क्षेत्रीय संगठन मंत्री कालू सिंह मुजाल्दा का कहना है कि धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को जनजाति समुदाय के तहत मिलने वाले सभी लाभों से वंचित कर देना चाहिए, इसी को ध्यान में रखते हुए आज भोपाल में जनजातीय सुरक्षा मंच के नेतृत्व में यह बड़ा आयोजन किया गया है।
दर्जनों जिलों से गर्जना रैली में आए लोग
वहीं इस आयोजन को लेकर जनजातीय सुरक्षा मंच के क्षेत्रीय संगठन मंत्री कालू सिंह मुजाल्दा ने कहना है कि मध्यप्रदेश राज्य के हर एक गांव में जाकर पंच-सरपंच से लेकर सांसद और राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मिलकर समर्थन की मांग की गई है।