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‘ब्राह्मणों के बारे में पढ़के दुख होता है, आरक्षण जाति नहीं गरीबी पर मिलना चाहिए’- कंगना रनौत

मुम्बई: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने देश की मौजूदा आरक्षण व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इसमें बदलाव के सुझाव दिए हैं।

दरअसल एक न्यूज आर्टिकल को रीट्वीट करते हुए अभिनेत्री कंगना ने कहा कि “आरक्षण गरीबों के लिए होना चाहिए ना कि जाति व्यवस्था पर आधारित। मुझे पता है कि राजपूत कैसे पीड़ित हैं लेकिन ब्राह्मणों के बारे में पढ़कर बहुत दुख होता है।”

पहले भी आरक्षण पर उठाए थे अहम सवाल:

कंगना ने इसके पहले ट्विटर पर कई टिप्पणियों को अलग अलग जवाब दिया था। एक जवाब में उन्होंने भारत की जाति व्यवस्था को लेकर कहा था कि “आधुनिक भारतीयों द्वारा जाति व्यवस्था को अस्वीकार कर दिया गया है, छोटे शहरों में हर कोई जानता है कि यह कानून व्यवस्था द्वारा अब स्वीकार्य नहीं है और कुछ के लिए एक दुखद खुशी से अधिक कुछ भी नहीं है। केवल हमारा संविधान आरक्षण के मामले में इसे पकड़े हुए है, इसे जाने दो, इसके बारे में बात करते हैं।”

इसके बाद आरक्षण व इसके नुकसान पर जवाब देते हुए कंगना ने कहा था कि, “विशेष रूप से डॉक्टर इंजीनियर व पायलट जैसे व्यवसायों में, सबसे योग्य लोगों को आरक्षण का नुकसान होता है। हमें एक राष्ट्र के रूप में मध्यम स्तर से नुकसान होता है और प्रतिभाएं अमेरिका के लिए गैरइरादतन पलायन कर जाती हैं।”

फिर आरक्षण को नेपोटिज्म से जोड़ते हुए इसके वैकल्पिक व्यवस्था की बात करते हुए कंगना ने कथा हा कि “शोषितों के उत्थान के कई तरीके हैं, बजाय उन्हें रैंक देने के, जिस पद के लिए वो योग्य नहीं हैं। अपनी योग्यता कमाना सीखें, उसी के लिए खड़ी हूँ। आरक्षण एक ही कानून पर काम करता है जैसे कि भाई-भतीजावाद, जिसमें अयोग्य को नौकरी मिलती है और इससे देश का नुकसान होता है।”

आगे कंगना ने धनाढ्य को आरक्षण मिलने की बात उठाते हुए कहा था कि “आइए एक व्यवस्था स्थापित करें जो हमारे राष्ट्र को सर्वश्रेष्ठ बनाती है। यदि आप व्यक्तियों के बारे में बात करना चाहते हैं तो मैं हजारों डॉक्टरों, आईएएस अधिकारियों, न्यायाधीशों, इंजीनियरों को जानती हूं जिनके बच्चे ऑडी चलाते हैं और लेते आरक्षण हैं।”

कंगना ने महिलाओं के विकास की भी बात की और कहा था कि “फिर महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं दिया जाता है, वे सबसे शोषित वर्ग हैं जिन्हें मैं आंकड़ों के साथ साबित कर सकती हूं, आपकी सहानुभूति चयनात्मक नहीं हो सकती है। जाति और लिंग की परवाह किए बिना इस राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए सर्वश्रेष्ठ बुद्धियों को आने दें। यदि आप उत्थान करना चाहते हैं जिन सभी के साथ अन्याय किया गया है।”

अंतिम में कंगना ने जवाब देकर कहा था कि “आरक्षण की बात करके मुझे यहां कुछ भी हासिल नहीं हुआ और न ही खोया, मैं वही साझा कर रही हूं जैसा लाखों लोग करते हैं।”


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