एमपी पेंच

वीडियो: MP की आरक्षित सीट पे लोगों का पूर्ण चुनाव बहिष्कार; कहा ‘कोई कुछ नहीं कर सकता…’

मध्यप्रदेश : रीवा लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले आरक्षित मनगवां विधानसभा सीट में लोगों नें नहीं डाली एक भी वोट, बोले- 'ये मेरा मूलभूत आधिकर है...'

रीवा (एमपी) : यहाँ की आरक्षित सीट पर लोगों नें एक भी वोट नहीं डालकर प्रशासन को चुनौती दे दिया है |

दरअसल 6 मई को देश में लोकसभा के 5वें चरण का मतदान हुआ जिसमें लगभग 62% कुल वोटिंग हुई | उधर एमपी से खबर आई है कि यहाँ एक जगह लोगों नें वोट ही नहीं डाली |

घटना है रीवा जिले के मनगवाँ विधानसभा क्षेत्र की, 6 मई को एमपी की 7 सीटों पर वोटिंग हुई | वहीं रीवा अंतर्गत मनगवां के एक पोलिंग बूथ पर पूरे गाँव वालों नें एक साथ चुनाव का बहिष्कार किया और स्थानीय विधायक व सांसद पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाया |

आपको बता दें कि जिस विधानसभा क्षेत्र की घटना है वहाँ से पंचूलाल प्रजापति BJP विधायक हैं जिन्होंने नवंबर में संपन्न चुनाव में कांग्रेस की बबिता साकेत को लगभग 20 हजार वोटों से हराया था | मनगवां सीट अनुसूचित जाति के उमीदवारों के लिए साल 2008 से आरक्षित है | इसके पहले शीला देवी और पन्नाबाई प्रजापति भी विधायक रह चुकी हैं वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता व मध्यप्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. श्री निवास तिवारी भी यहाँ से कई बार विधायक चुने गए थे |

लेकिन कल मनगवां के पोलिंग बूथ नंबर 145 हाई स्कूल में चुनाव का सामूहिक रूप से बहिष्कार करके स्थानीय नेताओं संग प्रशासन के कान खड़े कर दिए हैं | बूथ पर आए चुनाव अधिकारी को लोगों नें अपनी आपबीती सुनाई और कहा कि आप मेरी ये आवाज प्रशासन तक पहुँचाइए |

इस घटना का हमें वीडियो भी मिला है जिसमें लोगों नें कहा कि “नेता मनगवां आने से डरते हैं, बोलते हैं गाड़ी ख़राब हो जाएगी | लोगों को पोलिंग पैनल पता है भाजपा, कांग्रेस व बहुजन लेकिन इनके प्रत्याशियों का नाम नहीं |”

लोगों नें इसके आगे कहा कि “हमारा निर्वाचन का पूर्ण बहिष्कार है, जब तक कोई प्रतिबद्धता के साथ नहीं कहता कि हमारा काम जरूरी है या नहीं तब तक कोई वोट नहीं |”

लोगों नें आरोप लगाया कि 70 साल हो गए लेकिन आज तक पानी और सड़क क्षेत्र को नहीं मिल पाई सभी पार्टियों के नेताओं नें क्षेत्र की उपेक्षा की है जिससे परेशान होकर हमनें यह निर्णय लिया है | और यह भी कहा कि “ये हमारा मूलभूत अधिकार है जिसे कोई छीन नहीं सकता” |

हालांकि यहाँ के लोगों नें अपना विरोध तो दर्ज करा दिया लेकिन इसका प्रभाव स्थानीय नेताओं व प्रशासन पर पड़ता है ये देखने वाली बात होगी |

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